कानपुर हिंसा: मुख्तार बाबा का 'खौफ', करोड़ों की मालकिन होने के बावजूद किराये के घर में रहने को मजबूर हैं जीनत
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कानपुर हिंसा: मुख्तार बाबा का 'खौफ', करोड़ों की मालकिन होने के बावजूद किराये के घर में रहने को मजबूर हैं जीनत

Kanpur Violence: कानपुर हिंसा मामले में आरोपी मुख्तार बाबा से प्रताड़ित पीड़ित जीनत ने आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि स्वरूप नगर स्थित मार्केट की छह दुकानों पर मुख्तार ने कब्जा कर रखा है. 

 

फाइल फोटो.

श्याम जी तिवारी/कानपुर: कानपुर में बीती 3 जून को हुई हिंसा मामले में मुख्य फाइनेन्सर मुख्तार बाबा पर पुलिस-प्रशासन अपना शिकंजा कसता जा रहा है. मुख्तार बाबा के मशहूर ब्रांड 'बाबा बिरयानी' के महानगर में खुले आउटलेट्स पर सीज करने की ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है. इस बीच मुख्तार बाबा की मुश्किल और बढ़ गई है. स्वरूप नगर के बाबा बिरयानी आउटलेट की मकान मालकिन जीनत (58) ने दावा किया है कि वह मुख्तार की गुंडई की भुक्तभोगी हैं. 

मुख्तार ने धमकी देकर कब्जा कर ली छह दुकानें 
जीनत ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्तार बाबा ने अपना बाबा बिरयानी रेस्ट्रोरेंट खोलने के लिए मुख्तार बाबा ने सन् 2001 में दो दुकानें किराए पर ली थीं. एग्रीमेंट के दौरान उसने मेरे पति को धमकाना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्हें और उनके बेटे को मरवाने की धमकी देकर पूरी मार्केट अपने नाम लिखने का दबाव बनाता रहा. धीरे-धीरे दबंगई के दम पर मेरी छह दुकानों पर कब्जा कर लिया. जीनत ने कहा कि जब हम कब्जा की दुकानों को खाली करने को कहते थे तो मुख्तार खून की नदियां बहाने की धमकी देता था. 

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करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद किराए के मकान में रहने को मजबूर 
जीनत की करोड़ों की प्रॉपर्टी होने के बावजूद वो खुद किराए के मकान में रहती हैं. जीनत ने बताया कि जिस मकान में वह रहती हैं पहले उसका किराया 1500 रुपये था, जो अब बढ़कर 10,000 हो गया है. उन्होंने कहा कि खुद की संपत्ति होने के बावजूद वो मजबूरी में किराए के मकान में रहती है. जीनत के मुताबिक, मुख्तार की दबंगई की उन्होंने कई बार पुलिस अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी. अब जब एक-एक कर उसका आउटलेट सील हो रहा, तो उन्हें भी इंसाफ की उम्मीद जगी है. 

मुख्तार की शह पर दूसरे किराएदार भी कब्जा करने की कर रहे कोशिश 
जीनत ने बताया कि मुख्तार की शह पर मार्केट के दूसरे किराएदार भी कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, हाल ही में उन्होंने अधिकारियों से मिलकर दुकानों के मालिकाना हक के सारे पेपर्स जमा करा दिए हैं. उन्हें आगे मामले में कार्रवाई का इंतजार है. कानपुर में मुख्तार ने किस तरह अपनी जमीन-जायजाद को बढ़ाया इसकी बानगी खुद जीनत ने खोल दी. जीनत की बातों से यह भी खुलासा हुआ कि पुलिस हमेशा मुख्तार बाबा की हमदर्द बनती रही. जीनत के मुताबिक, पुलिस ने अभी तक मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है. 

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