Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर कान्हा जी की प्रिय इन पांच चीजों को करें पूजा में शामिल, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं
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Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर कान्हा जी की प्रिय इन पांच चीजों को करें पूजा में शामिल, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

Krishna Janmashtami 2022: Janmashtami 2022: जन्माष्टमी को लेकर भक्तों में उत्साह है. इस दिन लड्डू गोपाल की विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. कान्हा जी की पूजा में इन पांच चीजों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

 

Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर कान्हा जी की प्रिय इन पांच चीजों को करें पूजा में शामिल, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

Krishna Janmashtami 2022: भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर भक्तों में उत्साह देखने को मिल रहा है. देश-दुनिया में कान्हा के भक्त जन्माष्टमी (Janmashtami 2022) के त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. यह पावन पर्व भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और कान्हा के बाल रूप की पूजा करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जानिए श्रीकृष्ण की उन पांच प्रिय चीजों के बारें में जिनका पूजा-अर्चना में इस्तेमाल किया जाता है. 

माखन-मिश्री का भोग
मान्यताओं के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण बचपन में माखन मिश्री को बेहद पसंद था. साथ ही इसको चुराकर खाने की कथाएं भी खूब प्रचलित हैं. इसी वजह से कान्हा जी को जन्माष्टमी पर माखन मिश्री का का भोग लगाया जाता है. 

बांसुरी
भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी बेहद पसंद है, इसी वजह से वह इसको हमेशा अपने पास रखते हैं. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के दौरान बांसुरी रखने से सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. ऐसे में जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजी के दौरान बांसुरी भी रख सकते हैं. 

धनिया की पंजीरी
लोग कान्हा जी के माखन प्रेम के बारे में जानते हैं लेकिन उनको इसके अलावा धनिया की पंजीरी का प्रसाद भी खूब पसंद है. आप कान्हा जी को धनिया की पंजीरी का भी भोग लगा सकते हैं. 

वैजयंती के फूल
मान्यताओं के मुताबिक वैजयंती का फूल को भगवान कृष्ण का बहुत प्रिय माना जाता है. ऐसे में पूजा में वैजयंती के पुष्प या उसकी माला चढ़ा सकते हैं. इससे कान्‍हा जी प्रसन्‍न होकर मनोकामना पूरी करते हैं. 

मोर पंख
आपने गौर किया हो तो देखा होगा कि भगवान कृष्ण का कोई भी चित्र आपको बिना मोर पंख के नहीं मिलेगा. इसको कान्हा जी का प्रिय माना जाता है. इसलिए जन्माष्टमी पर पूजा के दौरान इसको शामिल कर सकते हैं. वहीं मान्यता है कि कि जहां मोर पंख होता है, वहां से नकारात्मकता खत्म हो जाती है. 

जानिए कब है जन्माष्टमी (Kab Hai Krishna Janmashtsami 2022)
बता दें, इस बार इस बार अष्टमी 18 अगस्‍त की रात 09:20 बजे से शुरू होगी जो 19 अगस्त 2022 को रात 10:59 तक रहेगी. चूंकि भगवान श्रीकृष्‍ण का जन्‍म मध्‍यरात्रि में हुआ था. इसलिए जन्‍माष्‍टमी 18 अगस्‍त की रात को मनाई जाएगी. इस दिन ध्रुव और वृद्धि योग भी बन रहे हैं. जन्‍माष्‍टमी की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त 18 अगस्त की रात 12:03 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा.

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