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कुलदीप चौहान/बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत में बेजुबानों की जान बचाकर जैन समाज के लोगों ने मिसाल पेश की है. दरअसल यहां आज से आठ साल पहले बकराशाला खोली गई थी. इस शाला में सालों से करीब 500 बकरों की जान बचाई जा चुकी है और उनकी अच्छे से खातिरदारी की जा रही है.
बनाया बकरा शाला
बागपत की नगर पंचायत अमीरपुर सराय के कस्बे में रहने वाले जैन समाज के लोगों ने साल 2016 को जीव दया संस्थान खोली थी. इस संस्थान को बनाने के पीछे उदेश्य बेजुबान जानवरों को बचाकर उन्हें नया जीवनदान देने का है. इसी को लेकर अमीनगर सराय में जैन समाज के लोगों ने गौशालाओं की तर्ज पर बकरों को जीवनदान देने के लिए पिछले कई वर्षो से बकराशाला संचालित की हुई है. इसी को देखते हुए जैन समाज ने ईद के त्यौहार के दिन करीब 225 बकरों को खरीद कर नया जीवनदान दिया है.
बेजुबानों की सेवा की जा रही
आपको बता दें कि इस बकराशाला में पहले करीब 200 बकरों की देखभाल की जा रही थी. सभी बकरों के लिए सुबह-शाम का खाना और अच्छे से देख रेख की जा रही थी. उसके बाद ईद के दिन संस्थान के सदस्यों ने 225 बकरों को खरीद आर उन्हें नया जीवनदान देते हुए अपने बकराशाला में छोड़ दिया.
8 सालों से चल रही संस्था
जैन समाज के लोगों ने इस बकराशाला के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि बेजुबानों को बचाना उनका मकसद है.इसलिए ही उन्होंने यह बकराशाला खोली थी. उन्होंने बताया कि पीछे आठ सालों से वो यह संस्था चला रहे हैं और करीब 200 बकरों को अभी तक बलि चढ़ने से बचा चुके है. इसी क्रम में अपना काम आगे बढ़ाते हुए ईद के दिन 225 बकरों को अच्छे दाम पर खरीद कर उन्हें नया जीवन दान दिया है.
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