Lucknow News in Hindi: लखनऊ में 83 अवैध अपार्टमेंट पर बुलडोजर एक्शन की तलवार लटकी है. एलडीए ने 15 दिन का नोटिस जारी कर कब्जा खाली करने का निर्देश दिए है.
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Lucknow News: राजधानी लखनऊ में अवैध अपार्टमेंट पर बुलडोजर एक्शन होने वाला है. नक्से के विपरीत बने करीब 83 अपार्टमेंट तोड़े जाएंगे. हाईकोर्ट के आदेश के बाद एलडीए ने कार्रवाई शुरू कर दी है. इसके अलावा 2000 फ्लैट्स पर कार्रवाई की तलवार लटकी है. एलडीए के इस एक्शन को लेकर करोड़ों का फ्लैट खरीदने वाले सैकड़ों लोग परेशान हैं. एलडीए ने 15 दिन का नोटिस जारी कर कब्जा खाली करने का निर्देश दिए है. यही नहीं 26 इंजीनियरों पर भी कार्रवाई की गाज गिरेगी.
ध्वस्त होगा स्वॉयर अपार्टमेंट
बता दें कि उदयगंज के क्ले स्वॉयर अपार्टमेंट समेत लखनऊ के अलग-अलग इलाकों के 83 अपार्टमेंट पर बुलडोजर चलने की तैयारी है. पिछले 20 साल के दौरान बने इन अपार्टमेंट में लोग रह रहे हैं. लेकिन अवैध निर्माण के चलते हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद एलडीए ने इनको ध्वस्त करने की तैयारी कर ली है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सभी से 15 दिन में इनको खाली करने का नोटिस भी जारी किया है. इन सभी अपार्टमेंट का एलडीए से नक्शा पास नहीं है.
एलडीए ने चिन्हित किए अवैध फ्लैट
इससे पहले भी एलडीए ने इनको ध्वस्त करने का आदेश दे चुका है लेकिन एलडीएन ने कार्रवाई नहीं की थी. दरअसल 2012 में हाई कोर्ट में अवैध निर्माण को लेकर पीआईएल दाखिल हुई थी. जिसके बाद 2014 में एलडीए ने अवैध अपार्टमेंट को चिन्हित करने का काम शुरू किया था. अवैध अपार्टमेंट की बाकयदा लिस्ट भी तैयार की गई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. लेकिन हाईकेर्ट ने गोमती नगर के विभूति खंड में एक बिल्डिंग के अवैध निर्माण को लेकर सख्ती दिखाई है. जिसके बाद ठंड बस्ते मे गई अवैध अपार्टमेंट की लिस्ट को दोबारा निकाला जा रहा है.
डूबेगा पैसा, छिनेगा आशियाना
यही नहीं बताया जा रहा है कि जिन अपार्टमेंट को ध्वस्त किया जाएगा, उनके रहने वालों को न मुआवजा मिलेगा और न ही विस्थापित के तौर पर कहीं और ठिकाना. इकी वजह अवैध बिल्डिंग का मामला है, जिसके लिए वह लोग जिम्मेदार हैं, जिन्होंने फ्लैट खरीदे और बनाकर बेचे. बताया जा रहा है कि 83 अपार्टमेंट में करीब 800 फ्लैट हैं, जहां परिवार रह रहे हैं. यानी इनका आशियाना भी छिन जाएगा और पैसा भी डूबने वाला है.
कैसे हुआ अवैध अपार्टमेंट बनाने का खेल?
जानकारी के मुताबिक अवैध अपार्टमेंट को बनाने का खेल एलडीए इंजीनियरों और बिल्डरों की मिलीभगत से हुआ. 2014-15 में हुई जांच में 26 इंजीनियर दोषी पाए गए थे. प्राधिकरण की तरफ से कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई.
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