Ghaziabad accident: मौत के ठीक पहले फोन कर कहा था- भैया मुझे बचा लो, गाजियाबाद हादसे का खौफनाक मंजर
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Ghaziabad accident: मौत के ठीक पहले फोन कर कहा था- भैया मुझे बचा लो, गाजियाबाद हादसे का खौफनाक मंजर

Ghaziabad accident:  दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर गाजियाबाद में हुए सड़क हादसे की हृदय विदारक कहानी सामने आई है. बस की टक्कर से घायल परिवार के एक सदस्य ने मौत से पहले बड़े भाई को कॉल कर बचाने की गुहार लगाई थी.

Ghaziabad Road ACCIDENT NEWS

Ghaziabad Accident Video: गाजियाबाद में दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi Meerut Expressway) पर मंगलवार को ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए जो सड़क हादसा हुआ, उसकी एक दिल को झकझोर देने वाली कहानी सामने आई है. खबरों के मुताबिक, एक्सप्रेसवे पर रांग साइड से आ रही बस और टीयूवी दोनों ही करीब 90-100 की रफ्तार से चल रही थीं. दोनों आमने सामने आए और बचने के प्रयास में दोनों ने ही गाड़ी मोड़ी और सीधी भिड़ंत हो गई.

हाईवे (NHAI) पर स्पीड लिमिट भी 100 किलोमीटर प्रति घंटे ही है. कार में नरेंद्र यादव (45) और धर्मेंद्र यादव (40) का परिवार खाटू श्याम का दर्शन करने परिवार समेत राजस्थान जा रहा था. वो सुबह 4 बजे के करीब मेरठ के धानपुर मवाना से निकले थे. लेकिन कुछ घंटों बाद ही उनकी गाड़ी (Mahindra TUV) विजयनगर गाजियाबाद में बस से भिड़ गई.

पुलिस का कहना है कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के पूरी तरह से परखच्चे उड़ गए. बिजली उपकरणों का कारोबार करने वाले नरेंद्र और पेशे से किसान धर्मेंद्र को खाटू श्याम पहुंचने के पहले गुरुग्राम में बहन के घर नाश्ता करने के लिए रुकना था. लेकिन सुबह 6 बजे बड़े भाई जितेंद्र को चीखते पुकारते धर्मेंद्र की कॉल आई, वो इतना ही बोल सका- भैया हमें बचा लो और फोन डिसकनेक्ट हो गया. जितेंद्र ने तुरंत कॉल बैक किया तो आसपास से गुजर रहे लोगों ने बताया कि दुर्घटना हो गई है और घबड़ाए परिजन तुरंत वहां भागे. 

गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि मरने वालों में नरेंद्र, उनकी पत्नी अनीता, बेटा हिमांशू और दीपांशू, धर्मेंद्र की पत्नी बबिता और बेटी वंशिका (7) शामिल है. धर्मेंद्र और उनके छोटे बेटे कार्तिक जिंदा बच गए, जिन्हें चोटें आई हैं. परिजनों का कहना है कि जितेंद्र कुछ दिनों पहले राजस्थान गए थे. उसके बाद धर्मेंद्र और नरेंद्र ने भी बच्चों के स्कूल की छुट्टियां देखते हुए वहां जाने का प्लान बनाया. बस ने ड्राइवर साइड पर टक्कर मारी, इसलिए दूसरी साइड बैठे धर्मेंद्र औऱ उनका बेटा बच गया. 

टक्कर के बाद शव इतनी क्षत विक्षत स्थिति में थे कि गैस कटर लाकर गाड़ी को काटकर उन्हें निकाला गया. बस ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है. चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि इस बस का पहले भी 15 बार चालान हो चुका है. मंगलवार को ही जब इन शवों का एक साथ अंतिम संस्कार हुआ तो वहां हर आंख आंसू न रोक सकी. 

 

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