एटा: बेऔलाद, बेसहारा, बदनसीबी: परिवारीजनों ने हड़पी जमीन, बुढ़ापे में सड़क पर भीख मांग कर रहे गुजारा
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एटा: बेऔलाद, बेसहारा, बदनसीबी: परिवारीजनों ने हड़पी जमीन, बुढ़ापे में सड़क पर भीख मांग कर रहे गुजारा

बुजुर्गों की सेवा को बड़ा पुण्य का काम मानने के बाद भी बुढ़ापे में दर-दर दी ठोकरें खाने की लगभग रोजाना ही खबरें सामने आती हैं. और ठोकरें खाने के लिए मजबूर करने वाले भी उनके अपने ही होते हैं, जिसकी वजह से उनको शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

एटा: बेऔलाद, बेसहारा, बदनसीबी: परिवारीजनों ने हड़पी जमीन, बुढ़ापे में सड़क पर भीख मांग कर रहे गुजारा

धनंजय भदौरिया/एटा: बुजुर्गों की सेवा को बड़ा पुण्य का काम मानने के बाद भी बुढ़ापे में दर-दर दी ठोकरें खाने की लगभग रोजाना ही खबरें सामने आती हैं. और ठोकरें खाने के लिए मजबूर करने वाले भी उनके अपने ही होते हैं, जिसकी वजह से उनको शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसा ही मामाला उत्तर प्रदेश के एटा जिले से सामने आया है, जहां जिले से 60 किमी दूर अलीगंज क्षेत्र के अलीगंज देहात ग्राम पंचायत के मजरा गांव नगला पड़ाव से है. 

दरअसल 70 वर्षीय बुजुर्ग दम्पति वर्षों से नगला पड़ाव में रह रहे थे. 70 वर्षीय रामचन्द्र और उनकी पत्नी उर्मिला देवी की उम्र लगभग 68 वर्ष है. पीड़ित रामचन्द्र ने बताया कि हमारी कोई भी संतान नहीं है. जिसके बाद वह अपने परिवार के भतीजों के पास रहने लगे लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था. उनका आरोप है कि भतीजे ने उनके साथ जालसाजी, धोखाधड़ी करके लगभग एक बीघा जमीन को हड़प लिया और किसी और को बेच दिया, जिसके बाद वह घर से बेघर हो गए.

सड़क किनारे रहकर के गुजार रहे हैं जिंदगी
रामचंद्र ने भावुक होते हुए बताया कि इस वक्त वह अलीगंज के नगला पड़ाव स्थित चौराहे पर सड़क के किनारे रह करके जिंदगी गुजार रहे हैं. पास में ही बने हुए सुलभ सामुदायिक शौचालय में नित्य दैनिक क्रियाएं करते हैं. जब रात में बारिश होती है तो पास में ही पड़े टीन शेड़ों के नीचे अपने आप को बचाते हैं. आगे बात करते हुए भावुक होते हुए रामचंद्र ने बताया जब भगवान को यही मंजूर है तो हम इसमें कुछ कर भी नहीं सकते हैं.

70 वर्ष की उम्र में बुजुर्ग पत्नी हुयी विकलांग
वहीं, कुदरत का कहर ऐसा बरपा कि रामचंद्र की पत्नी उर्मिला देवी बारिश में गिर गईं. जिससे उनकी कमर में चोट लग गई. जिसके बाद से उनकी हालत और भी खराब रहने लगी. रामचंद्र अब अपनी पत्नी उर्मिला को नित्य दैनिक क्रियाओं करवाने हेतु इधर-उधर लिए घूमते हैं. जिसके बाद में आसपास के लोगों से खाना भी मांग कर खाते हैं एवं कोई कुछ रुपये-पैसे दे जाता है तो उससे अपनी दवाई एवं खाने-पीने के उपयोग में लेते हैं. 

एसडीएम ने बताया जल्द ही किया जाएगा स्थापित
जब इस मामले पर उप जिला अधिकारी अलीगंज मानवेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया आप लोगों के द्वारा मामला संज्ञान में आया है. जिसके लिए नगर पालिका परिषद अलीगंज के चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी को आवास हेतु निर्देशित कर दिया गया है. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को समुचित राशन पहुंचाने हेतु दिशा निर्देश दिए गए हैं. समाज कल्याण के अधिकारियों से बात करके इनकी जल्दी पेंशन को बनवाया जाएगा और दैनिक उपयोग की सभी वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.

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