आजादी का अमृत महोत्सव: देवरिया में एक ही छत के नीचे जब सैकड़ों डाक टिकट और देश-विदेश की मुद्राएं रखी गईं तो देखने वाले भी दंग रह गए. आजादी की ऐसी विरासत एक जगह पर देखना इतिहास के पन्नों को पलटने जैसा था.
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त्रिपुरेश त्रिपाठी/देवरिया: इस साल स्वतंत्रता दिवस कई मायनों में बेहद खास है. साल 2022 को हम आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हर संस्था देश के विकास में अपना कोई न कोई योगदान तय करने के लिए संकल्प ले रही है. देवरिया जनपद के नागरिक प्रचारणी सभा केंद्र में 8 जुलाई को दुर्लभ डाक टिकटों और मुद्राओं की प्रदर्शनी लगाई गई. यह प्रदर्शनी हिमांशु कुमार सिंह ने लगाई है. हिमांशु दुर्लभ डाक टिकटों और मुद्राओं का संकलन करते हैं. प्रदर्शनी को आजादी की कहानी डाक टिकटों की जुबानी नाम दिया गया है.
हिमांशु सिंह के पास हजारों की संख्या में दुर्लभ डाक टिकट हैं. यही नहीं उन्होंने प्रदर्शनी में देश विदेश की अलग-अलग मुद्राएं भी रखी हैं. विरासत का यह कलेक्शन उन्होंने शौक के रूप में किया है. उनका कहना है कि इससे समाज को आजादी के आंदोलन से प्रेरणा मिलेगी. प्रदर्शनी में क्रांतिकारी वीर सपूतों पर जो डाक टिकट केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए हैं, उन्हें दिखाया गया है.
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30 साल से सहेज रहे हैं विरासत
हिमांशु सिंह के मुताबिक 30 साल पहले जब मैं कक्षा 8 में पढ़ता था, उस वक्त से आजादी की इस विरासत का कलेक्शन शुरू किया. उनका कहना है कि देश-विदेश के दोस्त भी उनके इस काम में मदद करते हैं. प्रदर्शनी का निरीक्षण एडीएम नागेंद्र प्रताप सिंह ने भी किया. उन्होंने दुर्लभ डाक टिकटों को देखकर हिमांशु सिंह को बधाई दी. एडीएम के मुताबिक यकीनन यह दुर्लभ है. मैं अक्सर लोगों को कहता हूं कि देवरिया में यदि गांधी जी पर कोई जानकारी चाहिए तो हिमांशु सिंह से संपर्क कर सकते हैं. आजादी की विरासत को सहेजने में जुटे हिमांशु सिंह राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय डाक टिकट पदक खिताब से भी नवाजे जा चुके हैं.