आम आदमी तक हर सरकारी योजना का लाभ पहुंचे, इसके लिए उत्तराखंड सरकार गुड गवर्नेंस के नए-नए प्रयोग करती रही है. इसी क्रम में अफसरों को ट्रेनिंग दी जा रही है. बुधवार को सीएम धामी अफसरों की ट्रेनिंग का जायजा लेने पहुंचे. जानिए फिर क्या हुआ..
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कुलदीप नेगी/देहरादून: मसूरी में चल रहे चिंतन शिविर में बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक कार्यक्रम में जा पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सभागार में सबसे पीछे की कतार में बैठकर पूरी गंभीरता से अधिकारियों व एक्सपर्ट के विचार सुनते रहे. सीएम पुष्कर सिंह धामी सभागार में पीछे की पंक्ति में अधिकारियों के बीच जाकर बैठ गए और अधिकारियों और विशेषज्ञों द्वारा रखे जा रहे विचारों को भी डायरी में नोट करते हुए नजर आए. हालांकि मुख्यमंत्री के अचानक अपने बीच पहुंचने से कुछ अधिकारी जो पीछे की पंक्ति में बैठे थे वह चौंक भी गए. लेकिन सीएम धामी चुपचाप पीछे बैठे रहे और सब कुछ सुनते रहे. दरअसल मसूरी एलबीएस अकादमी में चल रहा चिंतन शिविर उत्तराखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. खुद मुख्यमंत्री ये चाहते हैं कि यह चिंतन शिविर महज 3 दिन का इवेंट बनकर ही न रह जाए. बल्कि यह उत्तराखंड को 2025 में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अगले 3 सालों का रोडमैप भी तय करे और उसे धरातल पर उतारने के लिए भी काम करें.
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चिंतन शिविर में सीएम पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव एसएस संधु प्रशासनिक अधिकारियों को गुड गवर्नेंस की टिप्स दे चुके हैं. मंगलवार को भी सीएम धामी ने शिविर में शिरकत की थी. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा था कि विकास कार्यों को लेकर विभागों में समन्वय हो, न कि फाइल फुटबॉल की तरह अलग-अलग विभाग में घूमती रहे. उन्होंने अधिकारियों से कहा फाइलों में अपनी राय जरुर लिखें. इसी तरह मुख्य सचिव ने अफसरशाही को नसीहत दी थी. उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि पद का अहंकार नहीं होना चाहिए.