Allahabad High Court News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार पर अभिरक्षा में रखी फाइलों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी होती है.रिकॉर्ड उपलब्ध न होने के कारण केस की सुनवाई नहीं हो पा रही है.
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मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव न्याय को 5 अगस्त को तलब किया है और पूछा है कि दो हफ्ते पहले महाधिवक्ता कार्यालय में आग से जले रिकार्ड का पुनर्निर्माण के लिए क्या कदम उठाए हैं. सरकारी केस फाइल न होने से सुनवाई रूकने की जवाबदेही किसकी है. कोर्ट ने कहा है कि सरकारी रिकॉर्ड जलने के कारण किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की अनदेखी कर अभियुक्त को जेल में नहीं रखा जा सकता. कोर्ट ने कहा सरकार पर अभिरक्षा में रखी फाइलों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी होती है.
पुनर्निर्माण नहीं होने से कोर्ट नाराज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड उपलब्ध न होने के कारण केस की सुनवाई नहीं हो पा रही है. कोर्ट ने प्रमुख सचिव न्याय को दो हफ्ते तक अवसर दिया है. सरकारी वकील जिम्मेदारी निभा रहे, लेकिन फाइल के पुनर्निर्माण नहीं किया जा रहा, जिससे वे असहाय है. कोर्ट को सहयोग नहीं कर पा रहे और सुनवाई टल रही है. जस्टिस सरल श्रीवास्तव ने देवकी उर्फ सोनू उर्फ देवकी शरण शर्मा की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है.
कोर्ट ने जताई नाराजगी
कोर्ट ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण आग लगने के कारण सरकारी फाइलें जल गई हैं. सरकारी वकील के अनुरोध पर सुनवाई दो हफ्ते तक टाली गई. मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी. सरकार के सहयोग के बगैर जमानत अर्जी की सुनवाई नहीं हो पा रही है. केस की सुनवाई सुचारू रूप से हो सके इसके लिए सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई. राज्य पर फाइल की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है. याची की गलती नहीं, उसपर दोष नहीं मढ सकते. केस फाइल नहीं है, तो सरकार इसके लिए जिम्मेदार है. फाइल सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सरकार की है. सरकारी अकर्मण्यता के कारण किसी को जेल में नहीं रखा जा सकता. महाधिवक्ता कार्यालय में लगी आग में जली फाइलों की दो हफ्ते बाद व्यवस्था न होने से कोर्ट ने नाराजगी जताई है.
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