Barabanki: बाराबंकी में मनरेगा योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा, सिर्फ कागजों पर हुआ विकास, डीएम ने दिये जांच के आदेश
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Barabanki: बाराबंकी में मनरेगा योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा, सिर्फ कागजों पर हुआ विकास, डीएम ने दिये जांच के आदेश

Barabanki:  बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार गांव में ही बेरोजगार लोगों को रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना चला रही है... जिससे लोगों को गांव में काम मिल जाये और उन्हें बाहर मजदूरी करने न जाना पड़े.....इसके लिए ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव जॉब कार्ड बनाकर इन लोगों को देते हैं और उसी जॉब कार्ड के जरिये उन्हें अपनी ही ग्राम पंचायत में काम मिल जाता है....लेकिन यहां पर...

Barabanki: बाराबंकी में मनरेगा योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा, सिर्फ कागजों पर हुआ विकास, डीएम ने दिये जांच के आदेश

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: ग्रामीण इलाके के विकास और बेरोजगार लोगों को रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना चलाकर केंद्र और राज्य की सरकार एक ओर जहां रुपये पानी की तरह खर्च कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधान और ब्लॉक के अधिकारी गांवों में विकास करवाने के नाम पर जमकर लूट-खसूट कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से सामने आया है. जिसने जिला प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है.

जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, यह मामला बाराबंकी जिले की तहसील नवाबगंज के विकास खण्ड देवा का है. जहां के हरई गांव में हर कदम पर विकास करवाने के नाम पर लूट-खसूट की गई है. आपको बता दें कि बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार गांव में ही बेरोजगार लोगों को रोजगार देने के लिए मनरेगा योजना चला रही है. जिससे लोगों को गांव में काम मिल जाये और उन्हें बाहर मजदूरी करने न जाना पड़े. इसके लिए ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव जॉब कार्ड बनाकर इन लोगों को देते हैं और उसी जॉब कार्ड के जरिये उन्हें अपनी ही ग्राम पंचायत में काम मिल जाता है. पैसे सीधे मजदूरों को खाते में मिले, इसके लिए सरकार की तरफ से मजदूरी सीधे मजदूर के खाते में भेजी जाती है.

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गांव के बाहर से बुलाए जाते हैं मजदूर

बाराबंकी के हरई गांव में बेरोजगार और जरूरतमंद लोगों को काम न देकर बाहर से मजदूरी करवाने के लिए गांव में ठेके पर मजदूर बुलाए गए. गांव में ऐसे तमाम लोगों को जॉब कार्ड बनाकर दे दिए गए, जिनके घरों के लोग पहले से ही सम्पन्न हैं. इन लोगों के घरों में चार पहिया वाहन हैं. 

हर जगह फर्जीवाड़ा
ग्रामीणों ने बताया कि यहां हर जगह फर्जीवाड़ा किया गया है. बाहरी मजदूरों से गांव में अमृत सरोवर की खुदाई करवाई गई.  गांव में बने मिनी सचिवालय में मरम्मत के नाम पर ग्राम प्रधान और पंचायत सेकेट्री ने खानापूर्ति करके लाखों रुपये सरकार के खजाने से निकाल लिए. गांव में ऐसे कई कच्चे चकमार्ग है, जिन पर कहीं-कहीं मिट्टी डलवाकर चकरोड पटवाने के नाम पर डाका डाला गया.

किया गया घटिया क्वालिटी के सामान का इस्तेमाल
ग्रामीणों के अनुसार मिनी सचिवालय का जो पिलर बना है वो आरसीसी सीमेंट का न बनाकर ईंट से बना दिया गया. वहीं मिनी सचिवालय के अंदर जो शौचालय बना है उसकी मरम्मत के नाम पर पैसों की लूट-खसूट की गई है.

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत हरई के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बबुरिहा में भी टाइल्स और लोहे की जाली के नाम पर भी खानापूर्ति कर घटिया क्वालिटी के सामान का इस्तेमाल किया गया है. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने जिलाधिकारी बाराबंकी डॉ आदर्श सिंह से भी की है. जिसके बाद डीएम ने इन तमाम घोटालों और फर्जीवाड़े की जांच खण्ड विकास अधिकारी देवा राम आसरे वर्मा द्वारा करवाने के निर्देश दिये हैं. वहीं इस संबंध में खण्ड विकास अधिकारी देवा राम आसरे ने बताया कि जांच शुरू करा दी गई है. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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