Barabanki: किडनी ट्रांसप्लांट भी नहीं डिगा सका तौहीद का हौसला, ऑस्ट्रेलिया में खेलेगा ओलंपिक
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Barabanki: किडनी ट्रांसप्लांट भी नहीं डिगा सका तौहीद का हौसला, ऑस्ट्रेलिया में खेलेगा ओलंपिक

लोग छोटी-छोटी परेशानियों से कई बार निराश हो जाते हैं या मौत को गले लगा लेते हैं. तौहीद अहमद के जीवन का संघर्ष किसी को भी प्रेरित कर सकता है.

 

Barabanki: किडनी ट्रांसप्लांट भी नहीं डिगा सका तौहीद का हौसला, ऑस्ट्रेलिया में खेलेगा ओलंपिक

नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: अगर आपके अंदर लगन, दृढ़ इच्छाशक्ति और जज्बा है, तो कोई भी काम आपके लिए बड़ा नहीं. जनपद बाराबंकी के रहने वाले तौहीद अहमद ने इसे सच कर दिखाया है.  किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी के चलते एक समय उन्हें अपने पसंदीदा खेल फुटबॉल को छोड़ना पड़ा था. यहां तक कि उनके परिवार वालों ने भी साथ छोड़ दिया. इसके बाद तौहीद को अपने जीवन में सिर्फ अंधकार ही दिख रहा था. शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वह दोबारा फिट हो सकेंगे. लेकिन फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और किडनी ट्रांसप्लांट के बाद एक नई शुरुआत की. उन्होंने अपना खेल बदला और अब वह बैडमिंटन में महारथ हासिल कर चुके हैं. तौहीद अब ऑस्ट्रेलिया जाकर बैडमिंटन खेलेंगे. वह वहां एक विशेष प्रकार के ओलंपिक में भाग लेंगे. इसमें उनका साथ उनके मित्र ने दिया और उसने तौहीद के इलाज के लिए अपनी जमीन तक बेच दी.

तौहीद अहमद के सिर से बेहद कम उम्र में ही उनके पिता का साया उठ गया था. इसके बाद इनको माइग्रेन समेत अन्य कई समस्याएं शुरू हो गईं. जिसके इलाज के लिए उन्होंने कई तरह की दवाओं का सेवन किया. उन्हीं दवाओं के साइड इफेक्ट के चलते इनकी किडनी पर उसका बुरा असर आ गया. जिससे नौबत किडनी ट्रांसप्लांट तक आ गई. आखिरकार उन्हें अपनी किडनी ट्रांसप्लांट करनी ही पड़ी.

किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर तौहीद ने बताया कि शुरुआत में जब उनको यह समस्या हुई, तब तक तो परिवार वालों ने साथ दिया. लेकिन कुछ समय बाद परिवार वालों ने भी उनका साथ छोड़ दिया. क्योंकि किडनी ट्रांसप्लांट एक महंगी प्रक्रिया होती है. ऐसे में तौहीद के मित्र प्रकाश यादव ने अपनी मित्रता को बेहद शानदार ढंग से निभाया और अपनी जमीन बेचकर उन्होंने अपने दोस्त तौहीद का इलाज करवाया. प्रकाश यादव ने सहयोग के चलते ही तौहीद की किडनी ट्रांसप्लांट हो सकी.

खेलना चाहता था फुटबॉल

तौहीद के मुताबिक फुटबॉल उनका पसंदीदा खेल था और वह उसी में अपना भविष्य बनाना चाहते थे. लेकिन किडनी ट्रांसप्लांट के चलते अब वह फुटबॉल खेलने में असमर्थ हो गए. ऐसे में जनपद बाराबंकी के रहने वाले खिलाड़ी बलवीर ने उन्हें बैडमिंटन खेलने की सलाह दी. लेकिन मांसपेशियों में खिंचाव और शरीर फिट न होने के कारण तौहीद को इसमें भी समस्या आई, जिसके बाद उन्होंने तमाम लोगों से सलाह ली. यूट्यूब पर तमाम लोगों के वीडियो देखे और प्रेरणा ली. फिर उन्होंने बाराबंकी के एक जिम में जाकर प्रैक्टिस शुरू कर दी.

फिटनेस पर किया काम

तौहीद के ट्रेनर और जिम के मालिक असद साजिद ने बताया कि दो महीने पहले उनके संपर्क में जब तौहीद आए तो उन्होंने उनकी फिटनेस पर काम शुरू किया. तौहीद ने जमकर मेहनत की और आज यह आलम है कि वह अपने शरीर को बिल्कुल फिट कर चुके हैं. तौहीद ने बताया कि हाल ही में वह हरियाणा गए हुए थे, जहां पर 15 दिवसीय कैंप में उन्होंने बैडमिंटन खेला. जिस कारण से उनका सेलेक्शन ऑस्ट्रेलिया में बैडमिंटन खेलने के लिए हुआ है. तौहीद के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में एक विशेष प्रकार का ओलंपिक कराया जाता है, जिसमें सिर्फ किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले लोग ही भाग लेते हैं. उसी में अब वह प्रतिभाग करेंगे.

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