Lucknow: आयुष भर्ती घोटाले मामले में यूपी सरकार ने की CBI जांच की संस्तुति, जानिए पूरा मामला
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Lucknow: आयुष भर्ती घोटाले मामले में यूपी सरकार ने की CBI जांच की संस्तुति, जानिए पूरा मामला

UP News: आयुष भर्ती घोटाले मामले में यूपी सरकार ने की सीबीआई जांच की संस्तुति की है. आइए बताते हैं पूरा मामला...

Lucknow: आयुष भर्ती घोटाले मामले में यूपी सरकार ने की CBI जांच की संस्तुति, जानिए पूरा मामला

अजीत सिंह/लखनऊ: आयुष भर्ती घोटाले मामले में आयुर्वेद निदेशालय ने निजी एजेंसी के वेंडर कुलदीप सिंह को तलब किया गया है. आरोप है कि उसने निदेशालय में सुरक्षित हार्ड डिस्क ये कहते हुए ले ली थी कि वो अपने लैपटॉप से मिलान करेगा. जिसके अगले दिन कुलदीप लापता हो गया. उसने काउंसलिंग प्रभारी डॉ. उमाकांत का फोन भी रिसीव करना बंद कर दिया. कई बार फोन रिसीव नहीं हुआ, तो टीम उसके घर और दफ्तर पर भेजी गई. वहां, भी कुलदीप नहीं मिला. ये जानकारी भी नहीं मिली की वह कहां चला गया. इसके बाद संदेह गहरा हो गया. फिलहाल, आयुष भर्ती घोटाले मामले में यूपी सरकार ने की सीबीआई जांच की संस्तुति की है.

तीनों शिक्षाधिकारियों की निगरानी में हुई थी काउंसलिंग 
आपको बता दें कि इस संबंध में आयुर्वेद निदेशक प्रो. एसएन सिंह, काउंसलिंग बोर्ड प्रभारी डॉ. उमाकांत से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया, लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया. डॉ. उमाकांत ने मैसेज का भी जवाब नहीं दिया. काउंसलिंग बोर्ड में निदेशालय के प्रभारी अधिकारी (शिक्षा) डॉ. उमाकांत, प्रभारी अधिकारी यूनानी प्रो. विजय कुमार पुष्कर, संयुक्त निदेशक होम्योपैथी डॉ. वसीम को शामिल किया गया था. दरअसल, इन्हीं तीनों शिक्षाधिकारियों की निगरानी में काउंसलिंग हुई थी. आईटी एजेंसी वी-3 सॉफ्ट सॉल्यूशन के प्रतिनिधि कुलदीप सिंह को काउंसलिंग बोर्ड ने नीट मेरिट सूची की हार्ड डिस्क सौंप दी. 

फर्जी ऑनलाइन काउंसलिंग कराने का लगा आरोप
वहीं, ऑनलाइन काउंसलिंग में छात्रों के रजिस्ट्रेशन, डाटा कैप्चर, फोटो अपलोड, शुल्क भुगतान, मेरिट सूची, सीट आवंटन, छात्रों को बुलाने की जिम्मेदारी निजी एजेंसी की थी. आरोप है कि निजी एजेंसी ने डीजीएमई कार्यालय से मिले डाटा में छेड़छाड़ करते हुए फर्जी ऑनलाइन काउंसलिंग करा दी.

क्या अनट्रेंड हाथों में थी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की जिम्मेदारी?
बताया जा रहा है कि आयुष मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की जिम्मेदारी अनट्रेंड हाथों में थी. काउंसलिंग बोर्ड में आईटी का कोई एक्सपर्ट नहीं था बल्कि आयुर्वेदिक, यूनानी तथा होम्योपैथी के एक-एक चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल किए गए थे. निदेशालय में तैनात प्रभारी अधिकारी (शिक्षा) डॉ. उमाकांत काउंसलिंग बोर्ड के प्रभारी बनाए गए. आयुष विभाग के पास कोई आईटी सेल न होने के कारण निजी संस्था वी-थ्री सॉफ्ट सॉल्यूशन को काम दिया गया. एजेंसी का चयन अपट्रान के जरिए किया गया.

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