आरोपी ससुर के खिलाफ सहारनपुर के जनकपुरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. पीड़िता का आरोप है कि उसका ससुर सह आरोपी के साथ उसके भाई के घर आया और उससे पूछा कि क्या उसका भाई घर में है? जब पीड़िता ने उनको बताया कि वह नहीं है, तो आरोपी ससुर ने गाली-गलौज करनी शुरू कर दी...
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मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: साथी के साथ मिलकर अपनी ही बहू के साथ दुष्कर्म के आरोपी की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने आरोपी ससुर की अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए टिप्पणी भी की है. कोर्ट ने कहा कि यह अस्वाभाविक है कि हमारी भारतीय संस्कृति में कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के साथ मिलकर अपनी बहू से दुष्कर्म करेगा. कोर्ट ने कहा कि यह आरोप समाज में उसकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने या अपमानित करने के लिए गलत तरीके से लगाया गया है. फिलहाल, जस्टिस अजीत सिंह की सिंगल बेंच ने आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. वहीं, कोर्ट ने आरोपी को विवेचना में सहयोग का निर्देश दिया है.
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बहू ने लगाया था यह आरोप
गौरतलब है कि आरोपी ससुर के खिलाफ सहारनपुर के जनकपुरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. पीड़िता का आरोप है कि उसका ससुर सह आरोपी के साथ उसके भाई के घर आया और उससे पूछा कि क्या उसका भाई घर में है? जब पीड़िता ने उनको बताया कि वह नहीं है, तो आरोपी ससुर ने गाली-गलौज करनी शुरू कर दी. विरोध करने पर दोनों आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की.
कोर्ट ने बताया इस प्रितष्ठा को चोट पहुंचाने वाला झूठा आरोप
याची आरोपी के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि इस मामले में अन्य सह आरोपी को हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत दी जा चुकी है. इसलिए वह भी समानता के आधार पर अग्रिम जमानत पाने का हकदार है. मामले की पृष्ठभूमि को देखते हुए कोर्ट ने आरोपी ससुर को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि यह काफी अस्वाभाविक है कि एक ससुर खुद किसी अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर अपनी बहू के साथ दुष्कर्म करेगा. ऐसा लग रहा है कि समाज में उसकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाने या अपमानित करने के उद्देश्य से यह झूठा आरोप लगाया गया है.
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