Shri Krishna Janmabhoomi Case :श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, नए सिरे से सुनवाई का आदेश
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Shri Krishna Janmabhoomi Case :श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, नए सिरे से सुनवाई का आदेश

Shri Krishna Janmabhoomi Shahi Idgah Masjid dispute : श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूरे मामले की नए सुनवाई का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के फैसले को हिन्दू पक्ष ने अपनी जीत बताया है. 

Shri Krishna Janmabhoomi Shahi Idgah Masjid dispute :

Shri Krishna Janmabhoomi Shahi Idgah Masjid dispute : श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आय़ा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 13.37 एकड़ जमीन सौंपने के मामले में नए सिरे से सुनवाई करने का आदेश जारी किया है. हिन्दू पक्ष औऱ मुस्लिम पक्ष के बीच श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है, जिस पर उच्च न्यायालय को आज फैसला सुनाना था. हिन्दू पक्ष ने अदालत के इस फैसले को अपनी बड़ी जीत बताया है. 

 

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मथुरा जिला जज को आदेश दिया है कि वो मामले की नए सिरे से सुनवाई करे. 13.37 एकड़ जमीन को सौंपने की मांग हिन्दू पक्ष ने की है. हालांकि मुस्लिम पक्ष इसका विरोध कर रहा है. अयोध्या के राम मंदिर की कथित बाबरी मस्जिद की तरह शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद है. यहां भी रामलला विराजमान की तरह कृष्णलला विराजमान को ये जमीन सौंपने की मांग की जाती रही है. 

शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन को लेकर विवाद है. दावा है कि ये जमीन कृष्ण जन्मभूमि विराजमान की है और उसे सौंपी जाए. वक्फ बोर्ड ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखी. याचिकाकर्ता हरिशंकर जैन ने 25 सितंबर 2020 को ये मामला दायर किया गया था. 30 सितंबर को ये वाद सिविल जज ने इसे खारिज कर दिया. रिवीजन पिटीशन पर जिला जज ने सुनवाई करते हुए 19 मई 2022 को आदेश दिया. इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट गया था. हाईकोर्ट ने अब कहा है कि अब दावे और दूसरे पक्ष के दावों पर अब न्यायालय में चलेगी.  

गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर कई वाद अदालत में दायर किए गए हैं. इनको लेकर निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक याचिकाएं लंबित हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें कहा गया है कि अयोध्या राम मंदिर के अलावा अन्य धार्मिक स्थलों में किसी भी बदलाव से जुड़े ऐसे मामले प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का उल्लंघन हैं, लिहाजा इन्हें खारिज किया जाए. 

 

 

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