प्रयागराज: CBI करेगी वकीलों के खिलाफ झूठे केसों की जांच, HC ने दो माह में सीबीआई से मांगी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट
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प्रयागराज: CBI करेगी वकीलों के खिलाफ झूठे केसों की जांच, HC ने दो माह में सीबीआई से मांगी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट

Allahabad High Court News: कोर्ट ने प्रारंभिक रिपोर्ट आने तक दुराचार के आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. जस्टिस गौतम चौधरी ने शिकायत कर्ता निक्की देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है, जिसमें सत्र अदालत में दुराचार के आरोप में चल रहे आपराधिक केस की जल्द सुनवाई पूरी करने का समादेश‌ जारी करने की मांग की गई थी.

प्रयागराज: CBI करेगी वकीलों के खिलाफ झूठे केसों की जांच, HC ने दो माह में सीबीआई से मांगी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकीलों के खिलाफ दुराचार के झूठे केस की वापसी के नाम पर धन की उगाही के लिए सीबीआई जांच कराने का निर्देश दिया है.कोर्ट ने मऊआइमा सहित प्रयागराज के विभिन्न थानों में दर्ज 46 केसों की सीबीआई जांच कराने का निर्देश दिया है.  कोर्ट ने सीबीआई को दो माह में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश‌ करने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी.

कोर्ट ने प्रारंभिक रिपोर्ट आने तक दुराचार के आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. जस्टिस गौतम चौधरी ने शिकायत कर्ता निक्की देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है, जिसमें सत्र अदालत में दुराचार के आरोप में चल रहे आपराधिक केस की जल्द सुनवाई पूरी करने का समादेश‌ जारी करने की मांग की गई थी.

झूठे केस के बाद धन की उगाही का आरोप 
आरोपी अधिवक्ता भूपेंद्र पांडेय के खिलाफ दारागंज थाने में दुराचार के आरोप में केस दर्ज है. इनका कहना था कि हाईकोर्ट के वकीलों का एक गैंग सक्रिय है, जो झूठे केस कर चार्जशीट दाखिल होने के बाद केस के वापसी के नाम पर आरोपियों से धन की उगाही कर बंटवारा कर लेता है. पीड़िता के अनुसूचित जाति का होने के कारण सरकार से भी धन मिलता है. उसका भी बंदरबांट होता है. इस मामले में आरोप निर्मित हो चुका है.

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कोर्ट ने शिकायतकर्ता निक्की देवी को तलब भी किया था. आरोपी अधिवक्ता भूपेंद्र पांडेय ने कोर्ट को 51 आपराधिक केसों की सूची दी, जिसमें से अकेले मऊआइमा थाने में 36 केस दर्ज हुए हैं. अधिवक्ता आशीष मिश्रा के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है. आरोपी वकीलों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम वीपी श्रीवास्तव, गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी, राधाकांत ओझा, अमरेंद्र नाथ सिंह, बार के महासचिव एसडीएस जादौन ने बचाव किया.कोर्ट ने कहा न्याय की रक्षा के लिए अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग जरूरी है. वकीलों पर झूठे केस की सीबीआई को जांच सौंपा जाना बेहद जरूरी है. कोर्ट ने सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व संजय कुमार सिंह को सील कवर लिफाफे में दो माह में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. 

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