केन्द्र सरकार के द्वारा अग्निपथ योजना की शुरूआत के ऐलान के बाद ही विवाद भी शुरू हो गया है, जिसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने योजना की अधिकतम आयु में बदलाव किया है.
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Agnipath Scheme: केन्द्र सरकार के द्वारा 'अग्निपथ' योजना की शुरूआत के ऐलान के बाद ही विवाद भी शुरू हो गया है. देश के कई हिस्सों में छात्र इस योजना को विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा विरोध बिहार में देखने को मिला जहां प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने ट्रेन की बोगी में आग लगा दी. छात्र इस योजना को अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए वापस लेने की मांग कर रहे हैं, तो केन्द्र सरकार ने भी इसे वापस लेने की मांग को खारिज कर दिया है.
बढ़ाई आयु सीमा
देश में लगातार हो रहे विरोध के बाद केन्द्र सरकार ने अग्निपथ योजना की अधिकतम आयु में बदलाव किया है. पहले इस योजना में भर्ती होने के लिए 21 वर्ष की आयु निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर अब 23 वर्ष कर दिया गया है.
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केंद्र सरकार ने शुरू की तैयारियां
केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती की तैयारियां भी शुरू कर दी है. इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) ने अग्निवीरों के लिए स्नातक कोर्स और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान (NIOS) ने 12वीं के लिए विशेष पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है. IGNOU के शिक्षण कार्यक्रम के तहत स्नातक उपाधि के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत क्रेडिट कौशल प्रशिक्षण से मिलेगा, जिसमें अग्निवीर द्वारा प्राप्त तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों प्रशिक्षण शामिल हैं. शिक्षा मंत्रालय ने इस कदम को अग्निवीरों की शैक्षिणिक योग्यता को बढ़ाने का एक बेहतर प्रयास बताया है.
भविष्य में मिलेगी प्राथमिकता
अग्निपथ योजना में सेना में शामिल होने वाले जवानों को 4 साल के लिए नौकरी दी जाएगी. विरोध कर रहे छात्रों की चिंता का एक विषय यह भी है कि नौकरी के 4 साल बाद उनके भविष्य का क्या होगा. सरकार ने इस पर बात करते हुए कहा कि अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस बलों में नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही उनके पास भविष्य में पढ़ाई करने का भी विकल्प होगा.
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