यूपी पावर कॉर्पोरेशन की आधिकारिक वेबसाइट uppclonline.com पर जाएं. होम पेज पर 'Apply for new connection' पर क्लिक करें, फिर लॉगिन पेज पर रजिस्टर करें.
रजिस्ट्रेशन फ़ॉर्म में नाम, जन्मतिथि, ईमेल आईडी, और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी भरें. रजिस्टर करने के बाद, आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा, जिसके वेरिफ़ाई करने के बाद, आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा.
अब, आपको एक लॉगिन आईडी और पासवर्ड मिलेगा. पेज लॉगिन करने पर, आपको एक एप्लीकेशन फ़ॉर्म मिलेगा. इस फ़ॉर्म को भरकर सबमिट करें. इसके बाद, दस्तावेज़ अपलोड करें.
बिजली कनेक्शन के लिए आपके पास आधार कार्ड , पैन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, बीपीएल राशन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड , मूल निवास प्रमाण पत्र, और पासपोर्ट साइज़ फ़ोटोग्राफ़ चाहिये होता है.
बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाला राज्य का मूल निवासी होना ज़रूरी है. जिस प्रॉपर्टी पर बिजली कनेक्शन लेना है, उसका मालिकाना हक या किराए का दस्तावेज़ होना चाहिए. बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन या ऑफ़लाइन आवेदन किया जा सकता है.
बता दें कि शहरी क्षेत्र में 2.37 लाख उपभोक्ताओं के घर जल्द ही स्मार्ट मीटर लगाये जाएंगे. बिजली विभाग ने इसको लेकर प्लान पर काम शुरू कर दिया है. जानकारी के मुताबिक 40 सब स्टेशन क्षेत्रों में चरणवार स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे.
मौजूदा समय में उपभोक्ता मीटर रीडिंग की खामियां खुद नहीं देख पाते हैं जबकि स्मार्ट मीटर में उपभोक्ता के पास अपनी बिजली आपूर्ति का पूरा ब्योरा रहेगा. जितनी बिजली खर्च होगी, उतने का ही रिचार्ज करा सकेंगे.
स्मार्ट में मीटर से बिजली चोरी होगी, साथ ही उन उपभोक्ताओं से निजात मिलेगी जो बिजली का बिल नहीं भरते हैं. खास बात यह है इस मीटर के लिए उपभोक्ता से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा.
पहले किसी बिजली उपभोक्ता को एक महीने का बिल मिलता था तो किसी को दो महीने का, साथ ही बिजली कनेक्शन के बाद से एक फिक्सड चार्ज भी देना होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, उपभोक्ता जितनी बिजली इस्तेमाल करेंगे, उन्हें उतना ही भुगतान करना होगा.
स्मार्ट प्रीपेड मीटर हर मिनट बिजली की खपत को रिकॉर्ड करता है. मोबाइल ऐप्लिकेशन के ज़रिए इसकी निगरानी की जा सकती है. ऐप्लिकेशन में बिजली कटने और क्षमता कम होने की सुविधा है. मीटर में रियल टाइम डेटा होता है ऐसे में मीटर से बिजली खपत का सही मूल्यांकन होता है और इसी के मुताबिक बिल बनता है.
स्मार्ट मीटर में एक स्वचालित स्विच होता है जो कोई यूनिट नहीं होने पर बिजली काट देता है. जब रिचार्ज किया जाता है, तो बैलेंस बढ़ जाता है और स्विच फिर से बिजली प्रवाहित कर देता है.