अगर आप उत्तर प्रदेश में किसी नेशनल या स्टेट हाईवे पर फूड बिजनेस यानी रेस्टोरेंट या ढाबा खोलना चाह रहे हैं तो यूपी सरकार आपको जमीन से लेकर इसके निर्माण और इसमें दूसरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तमाम तरह की सब्सिडी दे रही है.
उत्तर प्रदेश सरकार नेशनल और स्टेट हाइवे के किनारे ढाबा, मोटल और फूड कोर्ट खोलने के इच्छुक लोगों को कई तरह की विशेष सुविधाएं दे रही है। यह कदम न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा.
सरकार ढाबा, मोटल और फूड कोर्ट के निर्माण में 30% तक सब्सिडी देगी. यह सुविधा उन लोगों के लिए है जो उत्तर प्रदेश में स्टेट हाईवे या नेशनल हाईवे पर फूड बिजनेस शुरू करना चाहते हैं. इससे निर्माण लागत में बड़ी राहत मिलेगी.
अगर आप फूड बिजनेस के लिए किसी हाईवे पर जमीन खरीदते हैं तो आपके के लिये रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी पूरी तरह माफ रहेगी. इससे आपको यूपी में अपना रेस्टोरेंट या ढाबा खोलने में आर्थिक रूप से काफी सहूलियत होगी.
वर्तमान में हाइवे किनारे स्थित ढाबों और रेस्टोरेंट्स को भी सब्सिडी का फायदा मिलेगा. इन्हें आधुनिक सुविधाओं जैसे एसी रूम, प्ले एरिया, मॉड्यूलर किचन, सोलर लाइट आदि स्थापित करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
ढाबे में दिव्यांगजनों के लिए वॉशरूम या अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, तो इसके लिए भी प्रोत्साहन दिया जाएगा. इससे पता लगता है कि सरकार आम नागरिकों के साथ दिव्यांगों की जरूरतों का विशेष ख्याल रखना चाहती हैं.
नए ढाबों और रेस्टोरेंट्स का प्रचार उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा किया जाएगा. साइन बोर्ड और वेबसाइट के माध्यम से इन स्थानों की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी.
सरकार उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के साथ मिलकर एसी बसों को इन ढाबों पर रोकने का अनुबंध करेगी. इससे ढाबों पर ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होगी. और जब ज्यादा से ज्यादा ग्राहक आएंगे तो मुनाफा भी बढ़ेगा.
ढाबा या रेस्टोरेंट मालिकों को अपने दिव्यांगजनों और स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. ताकि स्थानीय और कमजोर वर्ग को रोजगार प्राप्त हो सके.
यह योजना पर्यटन और फूड इंडस्ट्री को जोड़ते हुए एक नई पहल है. इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि राज्य का पर्यटन भी नए स्तर पर पहुंचेगा. तो जल्दी करिये अपना फूड बिजनेस खोलना का यह सुनहरा अवसर है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.