यूपी में फलोदी सट्टा बाजार हुआ फेल, उपचुनाव में बीजेपी और सपा को लेकर गड़बड़ाया गणित
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यूपी में फलोदी सट्टा बाजार हुआ फेल, उपचुनाव में बीजेपी और सपा को लेकर गड़बड़ाया गणित

Phalodi Satta Bazar Prediction Failed: यूपी के नौ विधानसभा सीटों पर वोटिंग के बाद सट्टा बाजार में सीटों को लेकर गुणा भाग किया गया. राजस्थान के मशहूर फलौदी सट्टा बाजार ने भी अपना आंकलन पेश किया था. लेकिन ये उपचुनाव में कुछ गलत सा साबित हुआ.

 

Phalodi Satta Bazar Prediction Failed

Phalodi Satta Market: उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव को 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. यूपी उपचुनाव में नौ सीटों के लिए  20 तारीख को  वोट डाले गए थे. आज वोटों की गिनती चल रही है. यूपी की 9 सीटों के लिए खूब सट्टे बाजी की गई. लोकसभा चुनाव में सट्टा बाजार के आंकडें जीत-हार के आसापास थे. लेकिन य़ूपी उपचुनाव में जो अनुमान लगाए गए वो दावे से दूर नजर आए. आइए जानते हैं कि अपने सटीक अनुमान लगाने के लिए मशूहर फलोदी सट्टा बाजार ने यूपी में किस राजनीतिक पार्टी को लेकर क्या अनुमान लगाया.

क्या था फलौदी सट्टा बाजार का अनुमान?
फलौदी के सट्टा बाजार ने इन सीटों में समाजवादी पार्टी के खाते में 4 सीटें जाने का अनुमान जताया गया था. इसके अलावा बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के खाते में पांच सीटें जाने का अनुमान लगाया था. 

2022 में किसके पास थी कौन सी सीट
2022 के विधानसभा चुनाव से तुलना करें तो 9 में छह सीटें बीजेपी और रालोद के पास हैं. साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में यूपी की इन सीटों में से से गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां और खैर पर बीजेपी जबकि मीरापुर पर राष्ट्रीय जनता दल ने जीत दर्ज की थी. इसके अलावा कुंदरकी, करहल, सीसामऊ, कटेहरी सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी.

इन सीटों पर हुआ मतदान
यूपी की जिन नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ है उनमें कटेहरी (आंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं.

बहुत सटीक होते हैं फलोदी सट्टा बाजार के नतीजे
सट्टा बाजार की बात आती है तो सबसे पहला नाम फलोदी सट्टा बाजार का नाम आता है. फलोदी सट्टा बाजार काफी पुराना है. बाजार में चुनाव से लेकर कई चीजों को लेकर सट्टा लगाया जाता है. 

बदलते रहते हैं भाव
सट्टा बाजाार में सीटों को लेकर होने वाले सौदों का अपना गणित है. राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों की जीत के भाव अलग-अलग कारणों के चलते बदलते रहते हैं. चुनावी आकलन में सीटों की संख्या घट-बढ़ सकती है. कैसे तय किए जाते हैं भाव चुनाव में हार-जीत के आकलन प्रत्याशी का चेहरा, समर्थकों की चुनावी सभा में भीड़ और जातीय सहयोग के साथ पार्टी के ओहदे को ध्यान में रखते हुए भाव तय किए जाते हैं.

Disclaimer : यहां पर दी गई जानकारी अलग-अलग माध्यमों जैसे-अखबार, मीडिया रिपोर्ट्स और सट्टा बाजारों के जानकारों के माध्यम से दी गई है. और न ही हम सट्टा बाजार को किसी भी प्रकार से प्रोत्साहित करना हमारा उद्देश्य है.

यूपी उपचुनाव की नौ सीटों पर किसकी जीत किसकी हार, फलोदी सट्टा बाजार के दावे चौंकाने वाले

 

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