नेताजी का ये रिकॉर्ड अटूट ही रहेगा! मुलायम सिंह यादव ने कैसे यूपी की राजनीति में खींची लंबी लकीर
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नेताजी का ये रिकॉर्ड अटूट ही रहेगा! मुलायम सिंह यादव ने कैसे यूपी की राजनीति में खींची लंबी लकीर

Mulayam Singh Yadav Birth Anniversary 2024: मुलायम सिंह यादव की 22 नवंबर यानी कल जयंती है. अखाड़े में पहलवानी के दाव-पेंच आजमाने वाले मुलायम सिंह यादव ने राजनीतिक करियर के दौरान प्रतिद्वंदियों को पटखनी दी.उनकी गिनती प्रदेश ही नही बल्कि देश के दिग्गज नेताओं में होती है.

Mulayam Singh Yadav Birth Anniversary 2024

Mulayam Singh Yadav Jayanti: सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की 22 नवंबर यानी कल जयंती है. अखाड़े में पहलवानी के दाव-पेंच आजमाने वाले मुलायम सिंह यादव ने राजनीतिक करियर के दौरान प्रतिद्वंदियों को पटखनी दी.उनकी गिनती प्रदेश ही नही बल्कि देश के दिग्गज नेताओं में होती है. 70 के दशक में राजनीतिक सफर शुरू करने वाले नेताजी सत्ता के शिखर तक पहुंचे.

राजनीति में जमाया सिक्का
छात्र राजनीति हो या फिर राष्ट्रीय राजनीति. मुलायम सिंह यादव ने अपने नाम का ऐसा सिक्का जमाया कि कोई उनकी चाहकर भी अनदेखी नहीं कर सकता था. बहुत ही कम समय में उन्होंने मुख्यमंत्री तक का सफर तय कर लिया. सीएम से लेकर वह देश के रक्षामंत्री बने. एक मौका ऐसा भी आया कि जब उनका नाम प्रधानमंत्री पद की रेस में भी शामिल हो गया था, हालांकि उनका यह सपना अधूरा रह गया. 

28 साल में बने विधायक
साल 1962 मे जब पहली बार छात्र संघ चुनाव की घोषणा हुई तो उन्होंने भी चुनाव लड़ने का फैसला किया और छात्र संघ के अध्यक्ष बन गए. छात्र राजनीति के दौरान ही वह अपने राजनीतिक गुरु चौधरी नत्थू सिंह के संपर्क में आए और उनकी मेहनत देख गुरु का आशीर्वाद मिला. एक छोटे से गांव से आने वाले मुलायम सिंह यादव महज 28 साल की उम्र में ही विधायक बन गए. वह 1967 के विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर की सीट से पहली बार विधायक चुने गए.

तीन बार यूपी के सीएम रहे
उत्तर प्रदेश की राम नरेश यादव सरकार में मंत्री भी बने. इसके बाद 1980 में वह लोकदल के अध्यक्ष चुने गए और 1982 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष चुने गए. उन्होंने महज कुछ ही साल में अपने नाम का सिक्का उत्तर प्रदेश की राजनीति में जमा लिया. वह पहली बार साल 1989 में मुख्यमंत्री बने. सोशलिस्ट पार्टी से पहली बार विधायक बनने वाले नेताजी ने 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की. वह 1993 में कांशीराम और मायावती की पार्टी बसपा की मदद से दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बन गए. तीसरी बार साल 2003 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.

1996 में बने रक्षामंत्री
1996 में वह मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए. इस चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और फिर तीसरा मोर्चा रेस में आया. इस बार मुलायम सिंह किंगमेकर की भूमिका में थे, लेकिन वह प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए और देश के रक्षा मंत्री बने.

'नेताजी' के नाम ये रिकॉर्ड
मुलायम सिंह यादव 9 बार विधायक रहे, इसके अलावा 1996 से 2019 तक 7 बार जीतकर लोकसभा पहुंचे. 57 साल के राजनीतिक सफर में 9 बार विधायक और 7 बार सांसद और तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. यह कारनामा अब तक कोई दूसरा नहीं कर पाया है. समाजवाद की राजनीति करने वाले 'धरती पुत्र' ने 10 अक्टूबर 2022 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया. साल 2023 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया.

 

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