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लखनऊ : मुंबई में आयोजित होने वाली 'इंडिया' गठबंधन की मीटिंग में बीएसपी प्रमुख मायावती के शिरकत करने के कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन इन कयासों को मायावती ने खारिज कर दिया है. उन्होंने विपक्षी गठबंधन को बड़ा झटका दिया है. बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने एक के बाद एक ट्वीट कर साफ कर दिया कि वह विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' का हिस्सा नहीं बनेंगी. बुधवार को किए गए पहले ट्वीट में उन्होंने कहा '' एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियाँ हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता.''
1. एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियाँ हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़।
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2023
अकेले लड़ेंगी चुनाव
मायावती ने दूसरे ट्वीट के जरिए लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अपनी सियासी रणनीति का भी खुलासा कर दिया. उन्होंने कहा ''बीएसपी, विरोधियों के जुगाड़/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी.
2. बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनकेे गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी। मीडिया बार-बार भ्रान्तियाँ न फैलाए।
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2023
एक अन्य ट्वीट में बसपा प्रमुख ने कहा ''वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर, किन्तु ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं. इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई. यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी.
बीजेपी ने ली राहत की सांस!
मायावती के ऐलान से भारतीय जनता पार्टी ने भी राहत की सांस ली है. अब लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान यूपी में वन टु वन नहीं होगा. दरअसल इस बात की चर्चा थी कि मायावती यूपी में 45 लोकसभा सीटों की डिमांड कर रही थीं. लेकिन जब इंडिया गठबंधन ने इस प्रस्ताव पर गंभीरता नहीं दिखाई तो उन्होंने एकला चलो की रणनीति अपना ली.
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इससे पहले इंडिया गठबंधन के नेताओं की कोशिश थी कि लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ विपक्ष का एक ही कैंडिडेट मुकाबला करे. उत्तर भारत के 200 सीटों पर वन टु वन मुकाबले से बीजेपी की घेराबंदी की जा सकती है. लेकिन मायावती के फैसले से उत्तरप्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद जगी है. असदुद्दीन ओवैसी ने भी संकेत दिए हैं कि एआईएआईएम भी यूपी की कई सीटों पर उम्मीदवार खड़ा कर सकता है.
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