White lungs syndrome: कोविड के बाद चीन में एक नई बीमारी तेजी से फैल रही है. जिसे व्हाइट लंग सिंड्रोम( white lungs syndrome) कहा जाता है. चीन के अलावा नीदलैंड, अमेरिका और डेनमार्क में भी इस बीमारी के मामले सामने आए है. जिसके बाद से एक बार फिर लोगों में टेंशन आ गया है. चीन में फैल रही इस बीमारी को लेकर केंद्र सरकार ने राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड हरियाणा और तमिलनाडु में अलर्ट जारी कर दिया गया है.
केद्र सरकार की तरफ से जारी अलर्ट के बाद राज्य सरकारों ने हेल्थ डिपार्टमेंट को सांस से जुड़ी बीमारी के मरीजों के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है. वहीं राज्य सरकारों ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है.
लोगों को फिर से मास्क लगाने की सलाह दी जा रही है. इस डिजीज को रहस्मयी निमोनिया कहा जा रहे है. यह बैक्टीरियल डिजीज है.
इस बैक्टीरिया को माइकोप्लाज्मा निमोनिया कहते हैं. रहस्मयी बीमारी इसलिए कहा जाता है, क्योकिं निमोनिया में कफ की दिक्कत होती है, लेकिन इस बीमारी में लंग्स में गोल चकत्ते होते हैं. यह ज्यादातर 5 से 8 साल के बच्चों को अपना शिकार बना रही है.
अभी तक इस बात की पुष्ठि नहीं हो पाई है कि यह बीमारी किन कारणों से फैल रही है. जहां तक बात चीन की है, तो चीन ने भी अभी तक कोई डेटा रिलीज नहीं किया है. चीन की हेल्थ मिनिस्टरी इसे मिस्टीरियस निमोनिया बता रही है.
व्हाइट लंग सिंड्रोम में बच्चों के सीने में एक तरह का सफेद पैच हो जाता है. जिसको हम एक्स- रे के जरिए ही डायग्नोसिस किया जा सकता है. इस बीमारी में बच्चों को सांस से जुड़ी परेशानी हो सकती है.
बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है. इसलिए ये बीमारी बच्चों को अपना शिकार आसानी से बना ले रही है. लेकिन इसका ये कतई मतलब नहीं है कि ये बड़ों को अघात नहीं कर सकती है.
WHO की गाइडलाइन .हाथों को साफ रखे .समय पर वैक्सीनेशन करवाएं .बीमार व्यक्ति से दूर रहें .बीमारी होने पर आइसोलेट हो जाए .समय पर जरूरी टेस्ट करवाएं और मेडिकल हेल्प