Shukrawar Ke Upay: मां लक्ष्मी की कृपा से रंक भी बन जाएगा राजा, बस करें यह चमत्कारी पाठ
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1871450

Shukrawar Ke Upay: मां लक्ष्मी की कृपा से रंक भी बन जाएगा राजा, बस करें यह चमत्कारी पाठ

Shukrawar Ke Upay: शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से भक्त को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. जीवन के दुखों से छुटकारा मिलता है. अगर आप आर्थिक तंगी से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो शुक्रवार को महालक्ष्मी स्तुति जरूर करें. 

 

Shukrawar ke Upay

Shukrawar Ke Upay: आज 15 सितंबर दिन शुक्रवार है. हिंदू धर्म में यह दिन धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां लक्ष्मी की सच्चे मन से पूजा करने पर व्यक्ति की आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं. इसके साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. शास्त्रों और पुराणों में देवी लक्ष्मी के कई ऐसे मंत्र दिए गए हैं, जिनके जप से आर्थिक समस्याएं दूर हो सकती हैं. इनमें से एक महालक्ष्मी स्तुति है. इसके पाठ से व्यक्ति को बड़े से बड़े कर्ज से मुक्ति मिल सकती है. साथ ही धन प्राप्ति के रास्ते खुल सकते हैं. इसका आप सुबह या रात में सोने के पहले कभी भी पूरी पवित्रता के साथ पाठ करें. 

महालक्ष्मी स्तुति
आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।
यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।
पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।

विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।
विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।
धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।
धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।
प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।
अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।
वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।
जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।
भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।
कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।
आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।
सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।
रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।
मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।
मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।

सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।

शुभं भवतु कल्याणी आयुरारोग्य सम्पदाम्।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

Trending news