Husband of radha rani:भगवान श्री कृष्ण और राधा के प्रेम का जिक्र विष्णु पद्म पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में मिलता है. आज के समय में भी राधा और कृष्ण के प्रेम भी प्रासंगिक है. आज भी प्रेम करने वाले को राधा कृष्ण के प्रेम का मिशाल दिया जाता है. धार्मिक पुराणों की मानें तो भगवान कृष्ण से राधा और रुक्मणि दोनों ही उम्र में बड़ी थी.
राधा भगवान के साथ गोलोक में रहती थी. एक बार राधा के अनुपस्थिति में भगवान अपनी दूसरी पत्नी विरजा के साथ थे. तभी राधा आ जाती है. विरजा को कृष्ण के साथ देखकर वह उनपर बिफर जाती है.
विराज को भला- बुरा कहने लगी तभी भगवान के सेवक और मित्र श्रीदामा को राधा का यह व्यवहार ठीक नहीं लगा. वह राधा को भला बुरा कहने लगें. इतने पर राधा क्रोधित होकर श्रीदामा को श्राप दे दी.
पह्म पुराण के अनुसार राधा वृषभानु नामक वैष्य गोप की पुत्री थी. उनकी माता का नाम कीर्ति था. बरसाना में राधा के पिता वृषभानु का निवास था. किवदंतियों और कुछ विद्वानों की माने तो राधा का जन्म यमुना के निकट स्थित रावल ग्राम में हुआ था.
ब्रह्मवैवर्त पुराण के प्रकृति खंड 2 के अध्याय 49 के श्लोक 39 और 40 के अनुसार राधा जब बड़ी हुई तो उनके माता- पिता ने रायाण नामक वैश्य के साथ उनका संबंध निश्चित कर दिया. उस समय राधा घर में अपनी छाया को स्थापित करके खुद अन्तर्धान हो गई. उस छाया के साथ ही रायाण ने विवाह किया था.