Nirjala Ekadashi 2024: हिंदु धर्म में ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली निर्जला एकादशी का बहुत महत्व है. मान्यता है कि इस दिन अगर कुछ मंत्रों का जाप करें तो लाभकारी होता है.
विष्णु जी का ये दुर्लभ मंत्र- ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।। - यह मंत्र बहुत प्रभावशाली माना गया है.
निर्जला एकादशी पर इस मंत्र का जाप श्रीहरि को पीतांबरी चढ़ाकर करें 108 बार मंत्र का जाप करते हुए हर बार थाली में एक पीला फूल अर्पित करते रहें यानी 108 बार करें
इस मंत्र जाप लाभप्रद हो सकता है- ॐ आं संकर्षणाय नम: , इसे निर्जला एकादशी पर केसर में थोड़ा जल मिलाकर एक थाली में इस मंत्र को पहले लिख लें.
इसके बाद इसे विष्णु जी के समक्ष रखें और बताए मंत्र को 108 बार जपें. मान्यता है कि इससे धन की जल्दी जल्दी आवक होती है.
अगला मंत्र है- मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे। अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम:।। आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्। देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।। -
निर्जला एकादशी के दिन अगर पीपल के पेड़ में कच्चा दूध व जल अर्पित करते हुए इस विशेष मंत्र का जाप कर लें तो घर से लक्ष्मीजी कभी जाती नहीं हैं.
अगला मंत्र है- महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते -, इसके जाप के लिए पहले निर्जला एकादशी की शाम को तुलसी जी के लिए घी का दीपक जलाएं.
11 परिक्रमा लगाते हुए ये बताए गए मंत्र को बोलें. सौभाग्य में वृद्धि के लिए अगर इस मंत्र का जाप करें तो यह बहुत शक्तिशाली साबित हो सकता है.
निर्जला एकादशी पर इस मंत्र का जाप करें- ॐ अं प्रद्युम्नाय नम: , इसके लिए पहले विष्णुजी को तुलसी की माला पहनाएं फिर मंत्र का एक माला जाप कर लें. दीर्धायु का वरदान मिल सकता है. डिस्क्लेमर-
नोट- इस पेय को पीने या इस्केमाल करने से पहले डॉक्टर या अपने सलाहकार से सलाह ले लें, हम केवल सामान्य जानकारी के तहत पेय को बनाने की विधि बता रहे हैं.