Panchang 16 January 2024: पंचांग से जानें दिन का शुभ-अशुभ समय, जानें राहुकाल और कब होगा सूर्यास्त
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Panchang 16 January 2024: पंचांग से जानें दिन का शुभ-अशुभ समय, जानें राहुकाल और कब होगा सूर्यास्त

Aaj Ka Panchang 16 January 2024: हिन्दू पंचांग के अनुसार जनवरी 16, 2024 को पौष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि और मंगलवार का दिन है. षष्ठी तिथि मंगलवार की रात 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगी. जानिए मंगलवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय.

Panchang 16 January 2024: पंचांग से जानें दिन का शुभ-अशुभ समय, जानें राहुकाल और कब होगा सूर्यास्त

Aaj Ka Panchang 16 January 2024: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 16 जनवरी 2024 का पंचाग... 

Panchang 16 January- पंचांग 16 जनवरी 2024
वार
मंगलवार

त्योहार और व्रत
षष्टी

विक्रम संवत: 2080, अनला
शक सम्वत: 1945, शोभकृत
पूर्णिमांत:पौष
अमांत:पौष

तिथि पंचांग 
शुक्ल पक्ष षष्ठी: जनवरी 16 02:16 एएम – Jan 16 11:58 पीएम
शुक्ल पक्ष सप्तमी: Jan 16 11:58 PM – Jan 17 10:07 पीएम

शुभ मुहूर्त
पौष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि: 16 जनवरी 2024 को देर रात 11 बजकर 58 मिनट तक.
परिघ योग: 16 जनवरी की रात 8 बजे तक.
उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र: 16 जनवरी  2024 को  पूरा दिन पार कर के भोर 4 बजकर 38 मिनट तक.

राहुकाल अशुभ काल
राहू: 3:06 PM – 4:24 PM
यम गण्ड: 9:54 एएम – 11:12 एएम
कुलिक: 12:30 पीएम– 1:48 पीएम
दुर्मुहूर्त: 09:23 एएम – 10:05 एएम, 11:08 PM – 12:03 एएम
वर्ज्यम्: 04:06 पीएम– 05:37 पीएम

सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 7:15 एएम
सूर्यास्त: शाम 5:47 पीएम

 

ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

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