Panchang 18 Decmeber 2023: पंचांग से जानें सोमवार का शुभ-अशुभ समय, जानें राहुकाल और कब होगा सूर्यास्त
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Panchang 18 Decmeber 2023: पंचांग से जानें सोमवार का शुभ-अशुभ समय, जानें राहुकाल और कब होगा सूर्यास्त

Aaj Ka Panchang 18 December 2023: 18 दिसंबर 2023 को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की तिथि है.  इस तिथि पर चंद्रमा मकर राशि में मौजूद होंगे.  इस तिथि पर शतभिषा नक्षत्र और वज्र योग का संयोग रहेगा. दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो सोमवार को अभिजीत मुहूर्त 11:57 से 12:38 मिनट तक रहेगा. 

Panchang 18 Decmeber 2023: पंचांग से जानें सोमवार का शुभ-अशुभ समय, जानें राहुकाल और कब होगा सूर्यास्त

Aaj ka Panchang 18 Decmeber 2023: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 18 Decmeber 2023 का पंचाग... 

आज का पंचांग

तारीखः 18 दिसंबर
वारः सोमवार
तिथिः षष्ठी (दोपहर 3.15 बजे तक इसके बाद सप्तमी तिथि)

विक्रमी संवतः 2080
शक संवतः 1945 शोभकृत

तिथिशुक्ल षष्ठी - 03:13 PM तक
नक्षत्रशतभिषा - 01:22 AM, दिसम्बर 19 तक
योगवज्र - 09:32 PM तक

18 दिसंबर का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त-सुबह 5.18 बजे से 6.13 बजे तक. 
विजय मुहूर्त-दोपहर 2 बजे से 2.42 बजे तक. 
गोधूलि बेला- शाम 5.25 बजे से 5.52 बजे तक. 
अमृत काल -सुबह 7.07 बजे से 8.25 बजे तक. 
निशीथ काल-आधी रात 11.50 से 12.45 बजे तक रहेगा.

18 दिसंबर का अशुभ मुहूर्त
राहुकाल -सुबह 7.30 बजे से 9 बजे तक.
यमगंड- सुबह 10.30 बजे से 12 बजे तक. 
गुलिक काल-दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे तक.
दुर्मुहूर्त काल-12.38 बजे से 1.20 बजे तक. इसके बाद दोपहर 2.42 बजे से 3.23 बजे तक रहेगा.

सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय - 07:08 AM
सूर्यास्त - 05:28 PM

ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

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