शुरुआती जांच में पता चला कि दुर्घटनाग्रस्त हुई बस मीनू सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है. इस बस का चार अगस्त 2021 को ओवरलोडिंग के साथ-साथ कई नियमों के उल्लंघन पर चालान कटा था.
इतना ही नहीं परिवहन विभाग ने बस मालिक पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इसके अलावा मीनू सिंह की बस का 21 मई 2022 को नागपुर में 1 हजार रुपये का चालान काटा गया था.
बस में रिफ्लेक्टर्स भी नहीं लगाए गए थे. बार-बार बस की लापरवाही के चलते शनिवार को एक एक दर्दनाक हादसा हो गया. बस मालिक द्वारा नियमों की अनदेखी की जाती रही.
बताया गया कि 53 सीटर में हादसे के समय 45 लोग सवार थे. जैसे ही बस रीवा-जबलपुर फोरलेन पर चौरसिया ढाबे के पास पहुंची, यहां बस सड़क किनारे खड़े डंपर में पीछे से जा घुसी.
हादसे के बाद बस में बैठे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई. स्थानीय लोग पहुंचे तो देखा कि बस के परखच्चे उड़ गए थे. लोग बस में बुरी तरह फंसे थे.
चारों तरफ खून फैला था. सूचना पर पहुंची पुसिल ने जेसीबी और गैस कटर मंगा कर बस को काटना शुरू किया. इसके बाद बस में बैठे लोगों को बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया.
मैहर हादसे में मरने वालों में प्रतापगढ़ के रहने वाले लल्लू यादव (60) पिता राम अवतार भी शामिल हैं. इसके अलावा दो जौनपुर के रहने वाले बताए जा रहे हैं.
करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा. हादसे में घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा है.
वहीं, उड़ीसा में श्रद्धालुओं से भरी बस पलटने से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 23 लोग घायल हो गए. मरने वालों में चार यूपी के रहने वाले थे.
उड़ीसा बस एक्सीडेंट में मरने वालों में दो बलरामपुर के दो सिद्धार्थनगर के रहने वाले थे. हादसे में सीएम योगी ने गहरा दुख जताया है.