जानकारी के मुताबिक, जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 में बिहार के सिताबदियारा में हुआ था. वह भारतीय स्वतंत्रता सेनानी रहे.
कहा जाता है कि जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद वह इतने दुखी हुए कि अंग्रेजों के खिलाफ हो गए. यही वजह रही कि वह ब्रिटिशों के स्कूल में पढ़ाई करने से मना कर दिया था.
इसके बाद वह बिहार विद्यापीठ से उच्च शिक्षा ग्रहण किया. समाजशास्त्र की पढ़ाई करने के बाद वह अमेरिका चले गए और यहां आठ साल अध्ययन किया.
अमेरिका से आने के बाद जेपी की मुलाकात महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू से हुई. उनसे प्रेरित होकर वह स्वतंत्रता संगाम में हिस्सा लिए.
साल 1931 में महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के साथ जेल भी गए. हालांकि, स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेते रहे. एक साल बाद फिर 1931 में मद्रास में उनकी गिरफ्तारी हुई.
1939 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जेपी ने अंग्रेज सरकार के खिलाफ लोक आंदोलन का नेतृत्व किया. जेपी ने राजस्व रोकने के लिए अंग्रेज सरकार को विवश किया.
इतना ही नहीं इसके लिए उन्होंने टाटा स्टील कंपनी में हड़ताल कराने की कोशिश की. इसके पीछे उनका मकसद था कि अंग्रेजों को इस्पात ना पहुंचे.
इस पर जेपी की गिरफ्तारी कर ली गई उन्हें 9 महीने की सजा सुनाई गई. 1948 में उन्होंने कांग्रेस के समाजवादी दल का नेतृत्व किया.
इसके बाद गांधीवादी दल के साथ मिलकर उन्होंने समाजवादी सोशलिस्ट पार्टी का गठन किया. फिर वह राजनीति में सक्रिय हो गए.
साल 1974 में उन्होंने किसानों के बिहार आंदोलन में तत्कालीन राज्य सरकार से इस्तीफे की मांग की. वह इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ थे.
साल 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की. इस दौरान जेपी सहित 600 से लोग बंदी बना लिए गए. 1977 में जेपी ने विपक्ष को एकजुट किया.
इस चुनाव में इंदिरा गांधी को हार का सामना करना पड़ा. देश में आजादी की लड़ाई से लेकर वर्ष 1977 तक तमाम आंदोलनों में जेपी का अहम रोल रहा है.
8 अक्टूबर 1979 को जयप्रकाश नारायण का निधन हो गया. वह हृदय और मधुमेह की बीमारी से ग्रसित थे. उन्होंने अपने घर पर अंतिम सांस ली.