देश में दो तरीके से पायलट बनते हैं. एक तरीके से सिविल विमानन के जरिए पायलट बन सकते हैं. दूसरा भारतीय डिफेंस फोर्स के जरिए पायलट बन सकते हैं.
पहला तरीका Civil Aviation के जरिए पायलट बन सकते हैं. इससे कॉमर्शियल पायलट बनते हैं. दूसरा Indian Defence Forces के जरिए भी पायलट बन सकते हैं. इंडियन डिफेंस फोर्सेस के जरिए वायु सेना के पायलट बनते हैं.
एयर इंडिया भारत की सबसे लोकप्रिय विमानन कंपनी है. इसका स्वामित्व निजी कंपनी के हाथों में है. भारत में एयर इंडिया के पायलटों को हर महीने मोटी सैलरी दी जाती है. ट्रेनी पायलट की शुरुआती वेतन 50 हजार रुपये प्रति माह होती है.
ट्रेनी के बाद एयर इंडिया के पायलट की सैलरी हर महीने दो से ढाई लाख रुपये मिलती है. वहीं, अनुभव होने पर यह सैलरी और बढ़ जाती है. वहीं, कैप्टन को चार लाख से साढ़े चार लाख रुपये हर महीने मिलता है.
एयर इंडिया के कमांडर को हर महीने साढ़े सात लाख रुपये से साढ़े आठ लाख रुपये हर महीने वेतन मिलता है. वहीं, इंडियन एयरफोर्स में पायलट की सैलरी अलग होती है.
फाइटर जेट के पायलट की सैलरी रैंक के आधार पर अलग-अलग होती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग अफसर को हर महीने 56 हजार से 1 लाख 10 हजार रुपये तक वेतन मिलता है.
फाइटर जेल के पायलट को वेतन के अलावा तमाम तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं. इसमें उड़ान भत्ता, घरेलू लेओवर भत्ता और वाइड बॉडी भत्ता भी मिलता है.
कॉमर्शियल पायलट rescue या evacuation ऑप्रेशन्स में भी मदद करते हैं, वे ट्रैफिक मॉनीटिरिंग भी करते हैं. कॉमर्शियल पायलट बनने के लिए 12वीं में मैथ्स और फिजिक्स पढ़ना जरूरी है. इसकेल बाद फ्लाइंग या ट्रेनिंग स्कूल ज्वाइन करना होगा.
civil aviation पायलट को भारत में Directorate General of Civil Aviation (DGCA) लाइसेंस देता है.
इसके लिए DGCA की तरफ से बनाए गए नियमों के मुताबिक तय घंटों के लिए फ्लाइट उड़ान पूरी करनी होगी. इसके अलावा लिखित और ओरल परीक्षा भी देनी होती है.
वहीं, एयर फोर्स पायलट बनने के लिए डिफेंस लाइसेंस लेना होता है. पायलट की सैलरी संगठन या उस एयरलाइन कंपनी पर निर्भर करता है. इसके लिए वे काम कर रहे हैं.