गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के निर्माण से इन दोनों शहरों की दूरी करीब 600 किलोमीटर कम हो जाएगी. यात्रा का समय 15 घंटे से घटकर केवल 9 घंटे रह जाएगा. साल 2028 तक इस एक्सप्रेस-वे को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
3 राज्यों से गुजरने वाले गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की लंबाई 519 किलोमीटर है. इसका फायदा यूपी के तीन जिलों गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया को मिलेगा.
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक जाने वाले इस एक्सप्रेस-वे का फायदा उत्तर प्रदेश के तीन जिलों को मिलेगा. जिसमें गोरखपुर के साथ कुशीनगर और देवरिया शामिल हैं. इन जिलों के 111 गांव की जमीन का अधिग्रहण किया गया है.
जिन 111 गांव का अधिग्रहण किया गया है. उसमें कुशीनगर के तमकुहीराज के 42 गांव, हाटा के 19 गांव, कसाया के 13 गांव शामिल हैं. इसके अलावा चौरी चौरा के 14 गांव, देवरिया सदर के 23 गांव शामिल हैं.
गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे बिहार के 8 जिलों से होकर गुजरेगा. जिसमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं. यहां गंडक नदी पर एक पुल भी बनाया जाएगा.
यूपी से गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे करीब 84.3 किलोमीटर गुजरेगा. जबकि बिहार का 416 किलोमीटर, पश्चिम बंगाल में इसका 18.97 किलोमीटर हिस्सा है.
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक जाने वाले इस एक्सप्रेस-वे से उत्तर प्रदेश बिहार और पश्चिम बंगाल तक का सफर बेहद सुविधाजनक और कम समय में पूरा हो सकेगा.
इस एक्सप्रेस-वे को स्टेट हाईवे, नेशनल हाईवो और मेन रोड से कनेक्टि किया जाएगा. यूपी की बात करें तो गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेस वे भी इससे जोड़ा जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है. इससे दिल्ली जाने का रास्ता आसान हो जाएगा.
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