Mandir Vastu Tips: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के लिए घर में मंदिर बनवाने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है. लेकिन वास्तुशास्त्र के अनुसार इसके लिए भी एक उपयुक्त जगह और दिशा होती है तभी पूजा-पाठ सफल होता है. आइये आपको बताते हैं मंदिर से जुड़ी कुछ विशेष बातें.
हिंदू धर्म में मान्यता है कि विधि-विधान से पूजा-पाठ करने से ना केवल मन को शांति मिलती हैं बल्कि ईश्वर की कृपा से विभिन्न परेशानियां भी दूर रहती हैं.
प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म में पूजा के लिए घर में मंदिर बनवाने की परंपरा चली आ रही है. लेकिन यह पूजा-पाठ तभी सफल होता है जब मंदिर का निर्माण वास्तु अनुसार कराया जाए.
वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर पूर्व या उत्तर दिशा के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व में ही बनाना चाहिये. मान्यता है कि ईश्वरीय शक्ति ईशान कोण से प्रवेश करती है और नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) से बाहर निकलती है.
वैसे अगर किसी वजह से पूर्व या उत्तर दिशा के ईशान कोण में मंदिर बनवाना संभव न हो तो पश्चिम दिशा में मंदिर बनवाया जा सकता है लेकिन कभी भी दक्षिण दिशा में मंदिर नहीं बनवाना चाहिए.
मंदिर का द्वार पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए क्योंकि पूजा करने वाले का मुंह पश्चिम दिशा में रहना शुभ माना जाता है.
मान्यता है कि मंदिर में प्रतिदिन सुबह और शाम अगरबत्ती या दीपक जरूर जलाना चाहिए. दीपक जलाने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.
पूजाघर यानि मंदिर कभी भी शौचालय के पास नहीं होना चाहिए, और अगर ऐसा है तो शौचालय का दरवाजा बंद रखना चाहिए और मंदिर के दरवाजे पर पर्दा लगाएं.
घर में पूजा स्थल थोड़ी खुली जगह होना चाहिए ताकि पूजा करने के लिए बैठने में परेशानी ना हो. इसके अलावा पूजा के बाद कुछ देर ध्यान भी करना चाहिए. इससे मन को शांति मिलती है.
मंदिर में या मंदिर आसपास पूजन सामग्री, धार्मिक पुस्तकें और शुभ वस्तुएं रखनी चाहिए. घर का दूसरा सामान मंदिर की जगह पर रखना अशुभ माना जाता है
खबर में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है, ज्यादा जानकारी के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करें. ZEE UP/UK दी गई जानकारी की सटीकता और प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता.