वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास करीब तीन हजार साल पुराना है. काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. हर साल लाखों की संख्या में यहां भक्त दर्शन के लिए आते हैं. कहा जाता है कि शिवलिंग की एक झलक मात्र से जीवन धन्य हो जाता है.
वाराणसी के सबसे फेमस अस्सी घाट पर हर समय लोगों की भीड़ जुटी रहती है. कहा जाता है कि अस्सी घाट पर ही महान कवि तुलसीदास का निधन हुआ था. दक्षिणी घाट पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय है. अस्सी घाट गंगा नदियों के संगम पर स्थित है.
रामनगर का किला तुलसी घाट पर गंगा नदी के किनारे है. इसे बनारस के राजा बलवंत सिंह ने 1750 ईस्वी में बलुआ पत्थर से बनवाया था. इसमें वेद व्यास मंदिर, राजा का निवास स्थान और क्षेत्रीय इतिहास को समर्पित एक संग्रहालय है.
संकट मोचन हनुमान मंदिर अस्सी नदी के किनारे स्थित है. 1900 के दशक में स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था. यह भगवान राम और हनुमान को समर्पित है. वाराणसी आने वाला प्रत्येक व्यक्ति इस मंदिर में दर्शन करने जाते हैं.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के अंदर स्थित इस मंदिर में दर्शन करने लिए रोजाना पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. बिड़ला परिवार ने इस मंदिर का निर्माण शुरू किया था. खास बात यह है कि यह सिर्फ एक इमारत नहीं है, बल्कि सात अलग-अलग मंदिर हैं जो मिलकर एक बड़ा धार्मिक परिसर बनाते हैं.
दशाश्वमेध घाट पर भगवान ब्रह्मा ने दशा अश्वमेध यज्ञ किया था. यह घाट एक धार्मिक स्थल है और यहां कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं. यह घाट हर शाम आयोजित होने वाली गंगा आरती के लिए सबसे प्रसिद्ध है.
वाराणसी घूमने जाएं तो सारनाथ जरूर जाएं. यह बौद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. यहां भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था. ये जगह वाराणसी से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
बनारस में घूमने की जगह की सूची में चुनार का किला भी सबसे आकर्षक स्थलों में से एक है. यह शहर से 40 किलोमीटर दूर मीरजापुर जिले में गंगा नदी के तट पर स्थित है. किला 34000 वर्ग फुट आकार में फैला हुआ है.
यह एक पवित्र तीर्थस्थल है जो Vindhyachal पर्वत पर स्थित है. ये जगह बनारस से 70 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां माता विंध्यवासिनी का मंदिर है. इस जगह का अपना धार्मिक महत्व है.
लखनिया दरी (जलप्रपात) वाराणसी का एक खूबसूरत स्थान है. जहां पर हमेशा ही सैनानियों की भीड़ लगी रहती है. यह वाराणसी शहर के करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर मीरजापुर में स्थित है. यहां छुट्टियों में लोग पिकनिक मनाने आते हैं.