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उत्‍तराखंड का पहला अरबपति?, जिसकी भारत ही नहीं नेपाल तक फैली थी संपत्ति

देश के अर‍बपतियों का नाम तो आपने सुना होगा. लेकिन उत्‍तराखंड का पहला अरबपति कौन था, यह बहुत कम ही लोगों को पता. उत्‍तराखंड के पहले अरबपति की नेपाल तक संपत्ति के निशान मिले हैं. तो आइये जानते हैं उत्‍तराखंड के पहले अरबपति के बारे में.  

कौन है उत्‍तराखंड का पहला अरबपति

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कौन है उत्‍तराखंड का पहला अरबपति

उत्‍तराखंड के पहले अरबपति का नाम दान सिंह बिष्‍ट था. दान सिंह बिष्‍ट अकूत संपत्ति के मालिक थे. 

मालदार नाम पड़ा

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मालदार नाम पड़ा

दान सिंह बिष्‍ट की संपत्ति के निशान नेपाल तक मिले हैं. यही वजह रही कि उनका नाम 'मालदार' भी पड़ गया. 

बड़ा साम्राज्‍य खड़ा कर दिया

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बड़ा साम्राज्‍य खड़ा कर दिया

दान सिंह 'मालदार' का बचपन गरीबी में बीता था, लेकिन अपने संघर्ष से उन्‍होंने उत्‍तराखंड में बड़ा साम्राज्‍य खड़ा कर दिया. 

कई गांव खरीदे

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कई गांव खरीदे

दान सिंह मालदार के बारे में कहा जाता है कि उन्‍होंने कई गांव तक खरीद लिए थे. इसके साथ ही कई शहरों की रजवाड़ों की रियासत तक खरीद ली थी. 

जम्‍मू कश्‍मीर से लाहौर तक

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जम्‍मू कश्‍मीर से लाहौर तक

दान सिंह मालदार के अंग्रेज भी कायल थे. उनका व्यापार जम्मू कश्मीर से लाहौर तक और पठानकोट से वजीराबाद तक फैला था. 

यहां भी संपत्ति

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यहां भी संपत्ति

उत्‍तराखंड के पिथौरागढ़, टनकपुर, हल्द्वानी, नैनीताल जिले और असम व मेघालय में उनकी सम्‍पत्ति थी. 

टिम्‍बर किंग ऑफ इंडिया बन गए

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टिम्‍बर किंग ऑफ इंडिया बन गए

दान सिंह 'मालदार' लकड़ी के कारोबार में उतरे और‘टिम्बर किंग ऑफ इंडिया’ बन गए. 

यूरोप तक चाय की महक

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यूरोप तक चाय की महक

उनके बाग में लगाए चाय की महक यूरोप तक फैली. दान सिंह ने उत्‍तराखंड में बच्‍चों को शिक्षा के लिए कई स्‍कूल खुलवाए. 

पिथौरागढ़ आकर बस गए

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पिथौरागढ़ आकर बस गए

वह मूल रूप से नेपाल के बैतड़ी जिले के रहने वाले थे, लेकिन बाद में वह पिथौरागढ़ के क्वीतड़ गांव में आकर बस गए. 

बर्मा चले गए

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बर्मा चले गए

सिर्फ 12 साल की उम्र में ही वह लकड़ी का कारोबार करने वाले एक ब्रिटिश व्यापारी के साथ बर्मा चले गए. 

चाय की बगान खरीदी

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चाय की बगान खरीदी

बर्मा से लौटने के बाद उन्‍होंने पिता के साथ घी बेचने का काम किया. इसके बाद जो पैसा कमाया उसे चाय की बगान खरीद ली. 

ऐसे चर्चा में आए

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ऐसे चर्चा में आए

बताया जाता है किक दान सिंह साल 1945 में मुरादाबाद के राजा गजेन्द्र सिंह की जब्त हुई संपत्ति 2,35,000 रुपये में खरीदी. इसके बाद वह चर्चा में आ गए थे. 

कब निधन हुआ

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कब निधन हुआ

10 सितंबर 1964 को दान सिंह मालदार का निधन हो गया. दान सिंह बिष्ट का कोई बेटा नहीं था.