Sultanpur Robbery Case: इन दिनों सुल्तानपुर डकैती कांड खूब चर्चाओं में है. पुलिस एक के बाद एक लुटेरों का एनकाउंटर कर रही है. इस डकैती कांड के एक लाख के इनामी अनुज प्रताप सिंह को लखनऊ एसटीएफ और उन्नाव पुलिस की संयुक्त टीम ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. अनुज पर ज्वेलरी शॉप में घुसकर लूटपाट करने का आरोप था. इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ आइए जानते हैं.
तड़के चार बजे हुई मुठभेड़ में गोली लगने से मौके पर ही अनुज की मौत हो गई. वहीं, उसका साथी बाइक से कूद कर भाग निकला. एसपी दीपक भूकर, एएसपी अखिलेश सिंह और सीओ ऋषिकांत शुक्ल मौके पर पहुंचे. मुठभेड़ वाले रास्ते पुलिस ने सील कर दिया.
अनुज प्रताप सिंह अमेठी के मोहनगंज थाने के जनापुर का रहने वाला था. अनुज इस लूट गैंग का सरगना बताए जा रहे विपिन सिंह का सबसे करीबी था. विपिन सिंह के साथ अनुज गुजरात की एक डकैती कांड में भी शामिल था. ये डकैती गुजरात के सूरत में हुई थी.
इस डकैती कांड में गैंग के सरगना विपिन सिंह ने रायबरेली कोर्ट में दूसरे मामले में सरेंडर कर दिया, जबकि 2 सितंबर की रात नगर कोतवाली के गोड़वा गांव में एनकाउंटर के दौरान तीन बदमाश सचिन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह और त्रिभुवन उर्फ लाला हरिजन को गिरफ्तार कर इलाज के बाद जेल भेज दिया गया.
पुलिस ने करीब 15 किलोग्राम चांदी के जेवरात, 38,500 रुपए की नकदी, चोरी की बाइक, तीन अवैध तमंचे, तीन कारतूस, और छह खोखे भी बरामद किए. पकड़े गए बदमाशों का लंबा-चौड़ा अपराधिक इतिहास है.
सबसे पहला एनकाउंटर जौनपुर के मंगेश यादव उर्फ कुंभे का हुआ. 5 सितंबर को एसटीएफ ने एक लाख के इनामी बदमाश मंगेश को मिश्रपुर पुरैना में एनकाउंटर में मार गिराया था, उसके कब्जे से पांच किलो चांदी, पिस्टल व तमंचा मिला. जिसके बाद राजनीति गरमा गई थी. इसकी मजिस्ट्रीयल जांच भी चल रही है.
मंगेश यादव के बाद अजय यादव का एनकाउंटर हुआ. मंगेश के एनकाउंटर के बाद से ही अजय यादव फरार था, लेकिन आखिरकार ये भी पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. पुलिस ने अजय यादव पर भी एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.
11 सितंबर को कोतवाली नगर के दुबेपुर मोड़ के पास से अयोध्या की एसओजी, कोतवाली नगर सुल्तानपुर की पुलिस व एसओजी टीम ने विवेक सिंह, दुर्गेश सिंह, अरविन्द यादव और विनय शुक्ला को पकड़ा. जिनमें दुर्गेश के पास से 259 ग्राम सोना, विनय के पास से 347 ग्राम सोना, अरविन्द के पास से 299 ग्राम सोना और विवेक के पास से 510 ग्राम सोना बरामद हुआ था.
इस डकैती कांड में अभी 3 बदमाशों की गिरफ्तारी होनी बाकी है. वारदात को अंजाम देने के लिए दुकान में घुसने वाले पांच बदमाशों में फरार चल रहे फुरकान, अरबाज और अंकित यादव पर भी एक-एक लाख के इनाम हैं. अंकित यादव पर पांच मुकदमे, अरबाज पर तीन और फुरकान पर दो मुकदमे दर्ज हैं.
दरअसल, 28 अगस्त को एक ज्वेलरी शॉप में कुछ लोग हथियार के साथ दाखिल हुए. किसी के सिर पर हेलमेट था तो किसी ने अपना चेहरा गमछे में लपेटा हुआ था. ज्वेलर्स ने जब इनको देखा तो उसे अंदेशा हो गया था कि अब उसकी दुकान लुटने वाली है. चंद मिनटों के अंदर ही बदमाशों ने पूरी दुकान को साफ कर दिया और एक करोड़ 40 लाख की ज्वेलरी और नकदी लूट बाइक से फरार हो गए.
इस डकैती की वारदात को अंजाम देने के लिए बदमाशों ने पहले से ही पूरी प्लानिंग की थी. बदमाशों ने तीन ग्रुप बनाए थे. पहले ग्रुप में पुष्पेंद्र सिंह, त्रिभुवन और सचिन सिंह थे. इन्हीं ने डकैती का पूरा प्लान तैयार किया था. इनमें से त्रिभुवन ने एक बोलेरो का भी इंतजाम किया था. डकैती के बाद बदमाश इसी बोलेरो से जेवरात लेकर रायबरेली भागे थे.
दूसरा ग्रुप विपिन सिंह, विनय शुक्ला, अजय यादव, अरविंद यादव, विवेक सिंह और दुर्गेश सिंह का था. ये डकैती डालने वाले बदमाशों को बैकअप दे रहे थे. वहीं तीसरे ग्रुप में फुरकान, अनुज प्रताप, अरबाज, मंगेश यादव और अंकित यादव थे. इन्हीं ने दुकान में दिनदहाड़े डकैती डाली थी.
दिनदहाड़े बाजार में डकैती डालकर बदमाशों ने पुलिस को चुनौती दी थी फिर पुलिस भी बदमाशों की तलाश में जुटी थी. UP STF तक को बदमाशों की तलाश में लगाया गया था. लखनऊ जोन के ADG एसबी शिरडकर खुद इस केस की मॉनिटरिंग कर रहे थे.
पुलिस ने लूट कांड के एक हफ्ते तक कड़ियों को जोड़ा तो दुकान में डकैती करने वाले केवल पांच बदमाशों के नाम नहीं, बल्कि 12 बदमाशों ने नाम निकलकर सामने आए. फिर ADG एसबी शिरडकर ने सभी 12 बदमाशों ने एक-एक लाख का इनाम घोषित कर दिया.