इन दिनों पूरे देश में अयोध्या में बनने वाले श्री राम मंदिर की चर्चा जोरों पर है. पर अयोध्या के इतिहास के बारे में ये 10 बातें बहुत कम लोग जानते होंगे.
किसने बसायी थी राम जन्मभूमि अयोध्या नगरी, जानें पूरी इतिहास
इन दिनों पूरे देश में अयोध्या में बनने वाले श्री राम मंदिर की चर्चा जोरों पर है. पर अयोध्या के इतिहास के बारे में ये 10 बातें बहुत कम लोग जानते होंगे.
अयोध्या की गणना सप्तपुरियों में पहले स्थान पर की गई है. पवित्र सप्तपुरयों में अयोध्या, मथुरा, माया (हरिद्वार), काशी, कांची, अवंतिका (उज्जयिनी) और द्वारका का नाम है
अथर्ववेद में अयोध्या का अर्थ ईश्वर का नगर बताया गया है. स्कंदपुराण के अनुसार अयोध्या शब्द 'अ' कार ब्रह्मा, 'य' कार विष्णु है तथा 'ध' कार रुद्र का स्वरूप है
सरयू नदी के तट पर बसे आयोध्या की स्थापना रामायण के अनुसार सूर्या के पुत्र वैवस्वत मनु महाराज द्वारा की गई थी. इसी कुल में आगे चलकर प्रभु श्रीराम हुए.
अयोध्या में सरयू नदी के किनारे 14 प्रमुख घाट हैं. इनमें लक्ष्मण घाट, कैकेयी घाट, गुप्त द्वार घाट, कौशल्या घाट और पापमोचन घाट विशेष प्रसिद्ध हैं
महाभारत काल में अयोध्या के राजा बृहद्रथ थे जो कि अभिमन्यु के हाथों युद्ध में मारे गए. महाभारत के युद्ध के बाद अयोध्या अस्त व्यस्त हो गई.
1526 ई. में बाबर ने आयोध्या में मुगल राज्य की स्थापना की. उसके सेनापति ने 1528 में यहां आक्रमण करके मस्जिद का निर्माण करवाया, जो 1992 में मंदिर-मस्जिद विवाद के चलते रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान ढहा दी गई.
अकबर ने1580 ई. में अपने साम्राज्य को 12 सूबों में बांटा, तब उसने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया
बौद्ध मान्यताओं के अनुसार भगवान बुद्ध देव ने अयोध्या में 16 वर्षों तक निवास किया था. इसलिए बौद्ध धर्म के लोगों के लिए अयोध्या का विष महत्त्व है.
जैन परंपरा के अनुसार 24 तीर्थंकरों में से 22 इक्ष्वाकु वंश के थे. इसी वंश में भगवान राम का जन्म हुआ था. सर्वप्रथम तीर्थंकर आदिनाथ ऋषभदेव जी का जन्मस्थान भी अयोध्या ही है.
अयोध्या के घाटों को मोक्षदायिनी कहा जाता है, यहां प्राण जाने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है