यूपी की 8 सीटें भाजपा को मिलीं और सपा को 2 सीटों पर रहना पड़ा खुश
यूपी की 10 में से 8 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी जीते हैं. इनमें भाजपा के अमरपाल मौर्य को 36 वोट, RPN सिंह को 34, साधना सिंह को 34, संजय सेठ को 29, संगीता बलवंत बिंद को 36, सुधांशु त्रिवेदी को 38, तेजवीर सिंह को 38, नवीन जैन को 34 वोट मिले. वहीं सपा की जया बच्चन को 34, रामजी लाल सुमन को 34 वोट मिले. ये सभी जीत गए. सपा प्रत्याशी आलोक रंजन को हार का मुंह देखना पड़ा. उन्हें सिर्फ 16 वोट मिले.
यूपी की 10 में से 8 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी जीते हैं. इनमें भाजपा के अमरपाल मौर्य को 36 वोट, RPN सिंह को 34, साधना सिंह को 34, संजय सेठ को 29, संगीता बलवंत बिंद को 36, सुधांशु त्रिवेदी को 38, तेजवीर सिंह को 38, नवीन जैन को 34 वोट मिले. वहीं सपा की जया बच्चन को 34, रामजी लाल सुमन को 34 वोट मिले. ये सभी जीत गए. सपा प्रत्याशी आलोक रंजन को हार का मुंह देखना पड़ा. उन्हें सिर्फ 16 वोट मिले.
कांग्रेस छोड़कर आए आरपीएन सिंह का नंबर पहले नंबर पर है. भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. 2022 चुनाव के पहले आरपीएन सिंह ने भाजपा का दामन थामा था. वह सैंथवारवार कुर्मी बिरादरी से आते हैं जिनकी संख्या पूर्वांचल में, खासकर गोरखपुर महाराजगंज देवरिया जैसे जिलों में बड़ी तादाद में है.
चौधरी तेजवीर सिंह मथुरा से आते हैं जाट बिरादरी से हैं और 3 बार के भाजपा के सांसद रह चुके हैं. बीजेपी ने इस बार राज्यसभा के लिए जाट बिरादरी के चौधरी तेजवीर सिंह के नाम पर मुहर लगाई है.
अमरपाल मौर्य बिरादरी से आते हैं और संगठन में प्रदेश महामंत्री पद पर तैनात हैं. केशव मौर्य के बेहद गरीबी माने जाते हैं इसके पहले वह स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं.
संगीता बलवंत,बिंद मल्लाह बिरादरी से आती हैं गाजीपुर शहर से विधायक रह चुकी हैं. हालांकि पिछला चुनाव हार गई थी लेकिन बीजेपी ने पूर्वांचल में बिंद-निषाद और मल्लाह बिरादरी में उनकी पकड़ की वजह से उन्हें राज्यसभा भेजा है.
भाजपा के विख्यात प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी सुधांशु त्रिवेदी ब्राह्मण हैं और बीजेपी के ऐसे प्रवक्ता हैं जिनकी अक्सर खूब चर्चा होती है. अक्टूबर 2019 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए त्रिवेदी की पहचान एक विश्लेषक, विचारक और राजनीतिक सलाहकार के तौर पर की जाती है.
उत्तर प्रदेश से चंदौली जिले की पूर्व विधायक साधना सिंह ठाकुर हैं और मुगलसराय की पूर्व विधायक है. साधना को तेज तर्रार महिला नेताओं में शुमार किया जाता है.
नवीन जैन बीजेपी के पूर्व कोषाध्यक्ष हैं, आगरा से मेयर रह चुके हैं और एक बडी कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक हैं.
बीजेपी की ओर से राज्यसभा जानें वाले संजय सेठ एक प्रतिष्ठित उद्योगपति हैं. वह 2019 से बीजेपी के सदस्य हैं. 2019 से पहले संजय सेठ मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माना जाता था. अखिलेश यादव के साथ भी संजय काम कर चुके हैं.
रामजीलाल सुमन 26 वर्ष की आयु में 1977 में फिरोजाबाद से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे. सपा से फिरोजाबाद से वह वर्ष 1977, 1989, 1999 और 2004 में चार बार सांसद रहे. सपा ने 2014 और 2019 में उन्हें हाथरस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाया था, लेकिन जीत नहीं सके.
जया बच्चन को सपा ने लगातार पांचवी बार राज्यसभा भेजा है. बार- बार जया बच्चन को राज्यसभा भेजने की पहली वजह है उनकी यादव परिवार से घनिष्ठता. दूसरी बड़ी वजह ये है कि जया बच्चन उस आधी आबादी से आती हैं, जिसका प्रतिनिधित्व समाजवादी पार्टी दिखाना चाहती है. राज्यसभा में वह सपा की महिला चेहरा हैं. डिंपल यादव और जया बच्चन की केमिस्ट्री को भी इसकी वजह मानी जाती है.