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सुधांशु त्रिवेदी: PHD और इंजीनियरिंग का धाकड़ जो पॉलिटिक्स में छा गया, राजनाथ-जेटली से मोदी तक निभाई अहम भूमिका

सुधांशु त्रिवेदी की पहचान विश्लेषक, विचारक और राजनीतिक सलाहकार के तौर पर है. मौजूदा समय में वह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं. विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से राय रखने के लिए वह जाने जाते हैं. 

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उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बंपर जीत हुई है. यूपी में बीजेपी से सभी 8 उम्मीदवार जीत गए हैं. उन्हीं में से एक है बीजेपी के प्रखर नेता सुधांशु त्रिवेदी. 

 

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भाजपा के तेज-तर्रार राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ब्राह्मण हैं. लखनऊ से ही उन्होंने राजनीति में कदम रखा. वह पीएम मोदी के भी करीबी माने जाते हैं.

 

 

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लोकसभा चुनाव 2019 में उन्हें राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई थी. उनकी गिनती बड़े नेताओं में होती है.

 

 

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सुधांशु त्रिवेदी का जन्म,उनकी शिक्षा और उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत लखनऊ शहर से हुई. यूपी के लखनऊ में 20 अक्टूबर 1970 को जन्मे सुधांशु त्रिवेदी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.

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यूपी के मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों पदों पर रहने के दौरान राजनाथ सिंह के राजनीतिक सलाहकार रहे सुधांशु त्रिवेदी ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री ली हुई है.

 

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अक्टूबर 2019 में यूपी से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. उनकी पहचान विश्लेषक, विचारक और राजनीतिक सलाहकार के तौर पर है. मौजूदा समय में वह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं. विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से राय रखने के लिए वह जाने जाते हैं.  दूसरी बार राज्यसभा जाएंगे.

 

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राष्ट्रीय नीति, राजनीतिक, सामाजिक मुद्दों और विशेष रूप से भाजपा के वैचारिक पहलुओं पर बेबाकी से राय रखने वाले सुधांशु त्रिवेदी ने लोकसभा चुनाव 2014 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 

 

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इस दौरान वे भाजपा के मीडिया और कम्युनिकेशन की मुख्य टीम का हिस्सा थे. टीम में रहते हुए उन्होंने सुषमा स्वराज, अरुण जेटली और अमित शाह के लिए प्रचार किया.

 

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वे राजनीति में छोटी उम्र में आने वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं. उनके बारे में कहा जाता है कि वो सबसे कम उम्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार बने थे. इतना ही नहीं, 35 वर्ष की उम्र में किसी राष्ट्रीय राजनैतिक दल के अध्यक्ष का राजनैतिक सलाहकार भी बनाया गया था.