12 नवंबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का हिस्सा ढह जाने से इसमें काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए. इनको निकालने के लिए कोशिश की जा रही है.
एक हफ्ते से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी अभी तक रेस्क्यू टीम उनको बाहर निकालने में सफल नहीं हो पाई है. इससे पहले भी कई देशों में टनल हादसे हो चुके हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में.
2010 में चिली में 33 मजदूर कोपियापो के पास अटाकामा रेगिस्तान में सैन जोस तांबे - सोने की खदान के नीचे फंस गए थे, जो रिकॉर्ड 69 दिनों तक भूमिगत जीवित रहे. इन सभी को बचा लिया गया. यह दर्दनाक घटना हाल के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध खदान बचावों में से एक बन गई.
साल 1999 में फ्रांस और इटली के बीच बनी मोंट ब्लांक सुरंग में एक ट्रक में आग लगने से बड़ा हादसा हुआ था. जिसमें कुल 39 लोगों ने जान गंवाई थी. इस पर डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी है.
नॉर्वे में हुरम और ड्रोबक के बीच बनी ओस्लोफजॉर्ड सुरंग में 23 जून, 2011 को एक ट्रक में आग लग गई. जिसमें फंसे लोगों को बचाव टीम ने बचाया था.
स्विट्जरलैंड की गोथर्ड सुरंग दुनिया की सबसे लंबी रेल सुरंग है. 10 अगस्त, 2023 को इसे मालवाहक ट्रेन के पलटने के बाद बंद किया गया था. हालांकि राहत की बात यह रही कि इसमें जनहानि नहीं हुई.
1994 में यूके के हीथ्रो रेल लिंक पर काम के दौरान सुरंग ढह गई थी. राहत की बात यह रही कि तब तक इसमें काम काम कर रहे मजदूर इससे बाहर निकल चुके थे वरना बड़ा हादसा हो सकता था.
2018 में थाईलैंड की एक सुरंग (गुफा) में बच्चों का एक कोच 7 दिनों तक फंसा रहा था. रेस्क्यू के जरिए इन बच्चों को बाहर निकाला गया था. इस बचाव टीम की मदद उत्तरकाशी टनल में ली जा रही है.