यूपी निकाय चुनाव को लेकर सपा की बड़ी तैयारी, बहाल होंगे भंग चल रहे जिला और महानगर संगठन
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यूपी निकाय चुनाव को लेकर सपा की बड़ी तैयारी, बहाल होंगे भंग चल रहे जिला और महानगर संगठन

UP Nikay Election 2022: सपा सूत्रों के मुताबिक निकाय चुनाव से पहले सपा में भंग चल रहे समाजवादी पार्टी के जिला और महानगर संगठन बहाल किये जायेंगे. 

यूपी निकाय चुनाव को लेकर सपा की बड़ी तैयारी, बहाल होंगे भंग चल रहे जिला और महानगर संगठन

UP Nikay Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में आगामी निकाय चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. सत्ता पर काबिज बीजेपी हो या विपक्षी दल सभी तैयारियों में जुट गए हैं. इसी को लेकर समाजवादी पार्टी ने महानगर और जिला संगठन बहाल करने की तैयारी हो चुकी है. उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मिली हार के बाद अखिलेश यादव ने बड़ा एक्शन लेते हुए समाजवादी पार्टी की सभी इकाइयां और मोर्चों को भंग कर दिया था.

निकाय चुनाव से पहले बहाल होंगे संगठन -सूत्र
सपा सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार निकाय चुनाव से पहले सपा में भंग चल रहे सपा के जिला और महानगर संगठन बहाल किये जायेंगे. अखिलेश यादव ने 3 जुलाई को महानगर और जिला प्रकोष्ठों को भंग किया था और अब निकाय चुनाव की घोषणा से पहले ही संगठन बहाल हो जाएगा. 

चर्चा इस बात की हो रही है कि नए संगठन में अखिलेश यादव के भरोसेमंद कौन होंगे और किसे क्या जिम्मेदारी मिलेगी. समाजवादी पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में जिला स्तरीय संगठन-जिला कार्यकारिणी, नगरीय संगठन- महानगर/नगर कार्यकारिणी, विधानसभा क्षेत्र स्तरीय संगठन, विधानसभा क्षेत्र संगठन, ब्लॉक स्तरीय संगठन, ब्लॉक समितियां, प्रारम्भिक समितियां- बूथ स्तरीय संगठन का जल्द ऐलान किया जा सकता है. 

निकाय चुनाव के आरक्षण रोस्टर को अंतिम रूप देने की तैयारी शुरू
उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के आरक्षण रोस्टर को अंतिम रूप दिया जाना शुरू कर दिया गया है. वार्डों में आरक्षण का फॉर्मूला तैयार कर लिया गया है. वार्डों के आरक्षण का रोस्टर तैयार करने के लिए जिलों को 4 नवंबर तक का समय दिया गया है. इसको लेकर जिलों में आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है. नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने सभी डीएम को इस संबंध में निर्देश जारी किया है.

अगर किसी नगर निकाय में नए क्षेत्र जोड़े गए हों या फिर आबादी में 50 फीसदी से अधिक का इजाफा पिछले पांच सालों में हो गया हो, तो उसे नया वार्ड माना जाएगा. नए नगर निकायों में भी इसी प्रकार के फॉर्मूले का इस्तेमाल होगा. आबादी के हिसाब से आरक्षण का फॉर्मूला तैयार किया जाएगा। वहीं, नगर निकाय के पुराने वार्डों में आरक्षण के फॉर्मूले को रोटेशनल सिस्टम के आधार पर तय किया जाएगा. 

सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वर्ष 2017 के बाद गठित नए नगर निकाय और सीमा विस्तार वाले निकायों में आरक्षण रोस्टर तैयार कराया जाए. इनमें परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर निकायों के माध्यम से हुआ है. परिसीमन में कुछ पुराने भागों को भी मिलाए जाने की संभावना है, सरकार की ओर से आरक्षण रोस्टर के दौरान इसका भी ध्यान रखने को कहा गया है. 

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