यूपी निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट को लेकर आयोग की अहम बैठक आज, इन बिंदुओं पर होगी चर्चा
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यूपी निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट को लेकर आयोग की अहम बैठक आज, इन बिंदुओं पर होगी चर्चा

UP Nagar Nikay Chunav 2022: यूपी निकाय चुनाव को लेकर ओबीसी आयोग ने तैयारियां तेज कर दी हैं. आरक्षण मामले को लेकर मेरठ कमिश्नरी की गाजियाबाद में एक अहम बैठक होने जा रही है. जिसको महत्वपूर्ण माना जा रहा है. 

यूपी निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट को लेकर आयोग की अहम बैठक आज, इन बिंदुओं पर होगी चर्चा

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव (Nagar Nikay Chunav 2023) को लेकर राज्य सरकार द्वारा गठित किए गए ओबीसी आयोग अब एक्शन मोड़ में आ गया है. आरक्षण मामले को लेकर मेरठ कमिश्नरी की गाजियाबाद में एक अहम बैठक होने जा रही है. जानकारों की मानें तो यह बैठक बेहद ही महत्वपूर्ण साबित होने वाली है.

गौरतलब है कि यूपी नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण निर्धारित करने के बने आयोग ने सर्वे का काम तेज कर दिया है. आयोग जिलावार आरक्षण तय करने के लिए अब मंडल स्तर पर बैठकें करेगा. शनिवार को मेरठ मंडल की पहली बैठक गाजियाबाद में आयोजित की जा रही है. मेरठ मंडल के छह जिलों के जिलाधिकारी मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतबुद्धनगर, हापुड़ इसमें शामिल हैं.

यह बैठक 7 जनवरी को ग़ाज़ियाबाद कलेक्ट्रेट में 12 बजे से शुरू होगी. इस बैठक में मेरठ कमिश्नरी के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है. जिसमें ओबीसी आरक्षण की चर्चा और समीक्षा की जाएगी. रिटायर्ड आईएएस अधिकारी चौब सिंह वर्मा पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य बनाए गए हैं. जो कि आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. 31 मार्च तक पिछड़ा वर्ग आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है, जिसको लेकर यह बैठक अहम मानी जा रही है. ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले पर काम करते हुए पिछड़ा आयोग अपनी रिपोर्ट शासन को देगा.

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स्थानीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति की जांच के लिए एक आयोग की स्थापना की गई है. यह आयोग निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति का आंकलन करेगा और सीटों के लिए आरक्षण प्रस्तावित करेगा. आयोग की सिफारिशों के तहत स्थानीय निकायों की ओर से ओबीसी की संख्या का परीक्षण कराया जाए और उसका सत्यापन किया जाए.

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इसके बाद ओबीसी आरक्षण तय करने से पहले यह ध्यान रखा जाए कि एससी-एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुल आरक्षित सीटें 50 फीसदी से ज्यादा न हों. कुल मिलाकर इस टेस्ट में देखना होगा कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आर्थिक-शैक्षणिक स्थिति है? उनको आरक्षण देने की जरूरत है? या नहीं? उनको आरक्षण दिया जा सकता है? या नहीं?

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