Nikay Chunav 2023: मेयर चुनाव के लिए गाजियाबाद में शुरू हुई सियासी हलचल, बीजेपी से आशा शर्मा मजबूत दावेदार
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Nikay Chunav 2023: मेयर चुनाव के लिए गाजियाबाद में शुरू हुई सियासी हलचल, बीजेपी से आशा शर्मा मजबूत दावेदार

Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनावों को लेकर सियासी समीकरण फिट किए जाने लगे हैं. निकाय चुनावों की तारीख की किसी भी दिन घोषणा हो सकती है. इसके साथ ही आचार संहिता लागू हो जाएगी. प्रदेश में गाजियाबाद नगर निगम एक प्रमुख नगरीय निकाय है. आइए जानते हैं इस नगर निगम और यहां मेयर पद के लिए हुए चुनाव के बारे में

Nagar Nigam Election 2023 in UP

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के सबसे हाईप्रोफाइल नगर निगम में शामिल गाजियाबाद में निकाय चुनाव से जुड़ी आरक्षण लिस्ट सामने आने के साथ सियासी हलचल तेज हो गई है.  नगर निगम की स्थापना के बाद से लगातार बीजेपी का दबदबा रहा है. 1995 में इसका गठन हुआ था. 1996 में मेयर पद का पहला चुनाव हुआ था. इसके बाद से लगातार छह बार गाजियाबाद नगर निगम पर में बीजेपी ने जीत का परचम लहराया. यहां के मतदाताओं ने अन्य पार्टियों के मुकाबले हमेशा भाजपा पर भरोसा जताया है. यहां तक की प्रदेश में भले ही किसी भी दल की सरकार रही हो, लेकिन गाजियाबाद नगर निगम पर भाजपा का ही परचम लहराता रहा है.

2017 में बीजेपी की जीत

2017 में गाजियाबाद नगर निगम सीट महिला आरक्षित हुई तो भाजपा ने अपने पुरानी कार्यकर्ता आशा शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा. आशा शर्मा ने यहां से बड़ी जीत दर्ज की. पिछले यूपी नगर निकाय चुनाव में यहां से मेयर पद के प्रत्याशी आशा शर्मा ने 16,3000 मतों से प्रचंड जीत हासिल की. आशा शर्मा को कुल 2,82,732 वोट मिले, वहीं कांग्रेस की डॉली शर्मा पिछले निकाय चुनाव में दूसरे स्थान पर रहीं. उन्हें कुल 1,19,091 वोट मिले. बसपा की मुन्नी चौधरी को 77,001 हजार मत मिले थे.

क्या आशा शर्मा को मिलेगा एक और मौका

गाजियाबाद में लगातार दूसरी बार महापौर की सीट महिला के नाम ही होगी. नगर निगम अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद नगर विकास विभाग द्वारा जारी अंतिम आरक्षण सूची में यह सीट महिला के लिए आरक्षित है. हालांकि चुनाव टलने से पहले यह सीट अनारक्षित रखी गई थी.गाजियाबाद नगर निगम में समाजवादी पार्टी की ओर से दावेदार भले ही अभी सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन सपा ने यहां पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर और विधायक संजय गर्ग को दावेदारों की विस्तृत ब्योरा तैयार करने की जिम्मेदारी दी है.गाजियाबाद नगर निगम में महिला आरक्षण के बाद मेयर के टिकट के दावेदारों की लिस्ट बीजेपी में सबसे लंबी है. लेकिन यहां सबसे मजबूत दावेदार वर्तमान मेयर आशा शर्मा हैं. इसकी एक बड़ी वजह उनकी ईमानदार छवि को बताया जाता है. उनके कार्यकाल में स्वच्छता समेत कई अन्य रैंकिंग में भी गाजियाबाद अग्रणी रहा है. गाजियाबाद नगर निगम के अंतर्गत वेस्ट मैनेजमेंट से लेकर टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर आशा शर्मा के कार्यकाल में बेहतर काम हुआ है.

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कब कौन जीता
1995 में गाजियाबाद में पहली बार मेयर पद का चुनाव हुआ था. दिनेश चंद्र गर्ग बीजेपी से प्रत्याशी बने और विजयी रहे.

2000 में गाजियाबाद के वोटर्स ने दिनेश चंद्र गर्गा को ही महापौर चुना

साल 2006 निकाय चुनाव में यहां सीट महिला के लिए आरक्षित हुई तब भाजपा की दमयंती गोयल ने एक बार फिर यहां से जीत का परचम लहराया.

2012 में बीजेपी ने अपने बुजुर्ग नेता तेलू राम कंबोज को चुनाव मैदान में उतारा, उन्होंने भी जीत हासिल की.उनके निधन के बाद उपचुनाव हुआ. इसमें भी भाजपा के आशु वर्मा गाजियाबाद के महापौर चुने गए.

2017 में मेयर सीट महिला के लिए आरक्षित हुई तो बीजेपी ने संघ की पृष्ठभूमि से आईं आशा शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा. वह चुनाव जीत गईं.

निगम में किस पार्टी की कितनी ताकत

कुल वार्ड 100

बीजेपी 61

एसपी 05

बीएसपी 12

कांग्रेस 15

अन्य 7

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