''कांग्रेस सरकार आएगी तो कुंभ बंद कर देंगे, बरसाने की होली, काशी-मथुरा भी बंद होगा''
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''कांग्रेस सरकार आएगी तो कुंभ बंद कर देंगे, बरसाने की होली, काशी-मथुरा भी बंद होगा''

 संतों के मुताबिक ये हिंदुओं का देश है, और हिंदू संस्कृति को लेकर उनका बयान उनकी छोटी सोच को दर्शाता. संत समाज इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगा.

''कांग्रेस सरकार आएगी तो कुंभ बंद कर देंगे, बरसाने की होली, काशी-मथुरा भी बंद होगा''

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता उदित राज के बयान को लेकर सियासत तेज हो गई है. उनके बयान पर पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री मोहसिन रज़ा ने ट्वीट कर कहा है, कि अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है तो ये कुंभ भी बंद कर देंगे, बरसाना की होली भी बंद कर देंगे, अयोध्या का दीपोत्सव भी बंद हो जाएगा और काशी-मथुरा भी बंद कर देंगे. उन्होंने लिखा कि भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति कांग्रेस के दिल की बात उनके प्रवक्ता के जरिए बाहर आ गई. उनकी दोहरी नीति भी सबके सामने है.

कांग्रेस के बयान से संतों में भी गुस्सा
उदित राज के बयान को लेकर संत समाज ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि कांग्रेस ने हमेशा से ही देश को बांटने का काम किया है. उनके मुताबिक ये हिंदुओं का देश है, और हिंदू संस्कृति को लेकर उनका बयान उनकी छोटी सोच को दर्शाता. संत समाज इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगा.

कांग्रेस नेता का विवादित बयान- 'सरकारी पैसे से मदरसे नहीं चल सकते तो कुंभ भी ना हो'

उदित राज ने क्या कहा था?
उदित राज ने कुंभ मेले के आयोजन में सरकारी पैसे के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने मदरसा और कुंभ की तुलना करते हुए ट्वीट करके कहा था कि असम सरकार ने सरकारी फंड से मदरसे न चलाने का फैसला किया है. तो यूपी सरकार को भी कुंभ मेले के आयोजन पर 4200 करोड़ रुपये नहीं खर्च करने चाहिए. 

कहां से शुरू हुआ विवाद?
विवाद की शुरुआत तब हुई जब असम के शिक्षा मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कुरान की पढ़ाई को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि सरकारी पैसे पर कुरान की पढ़ाई नहीं कराई जा सकती. उन्होंने ये भी कहा कि अगर कुरान की पढ़ाई हो सकती है तो फिर बाइबल और गीता की क्यों नहीं हो सकती. सरमा के इस बयान पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कुंभ मेले में सरकारी पैसे के इस्तेमाल पर सवाल उठाए. 

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