पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की जमीन शत्रु संपत्ति घोषित, मुजफ्फरनगर में लियाकत अली की लाखों की भूमि का अब क्या होगा
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की जमीन शत्रु संपत्ति घोषित, मुजफ्फरनगर में लियाकत अली की लाखों की भूमि का अब क्या होगा

Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर में रेलवे स्टेशन के सामने एक मस्जिद व चार दुकानों वाली जमीन को तमाम सुनवाई के बाद अब शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है. जमीन पर कब्जा लेने के लिए नोटिस भी जारी कर दिया है.

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मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में रेलवे स्टेशन के सामने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री लियाकत अली खां के परिवार से संबंधित लोगों के नाम की भूमि को अब शत्रु संपत्ति घोषित किया गया है. जिला प्रशासन को शत्रु संपत्ति विभाग द्वारा पत्र भेजा गया है जिसमें डीएम को इस संबंध में निर्देशित किया गया है कि संबंधित संपत्ति का नियंत्रण व प्रबंधन अपने हाथ में ले ले. प्रशासन की ओर भी भूमि को खाली करवाने के लिए उस पर काबिज लोगों को भी नोटिस किया जाएगा. रेलवे स्टेशन के सामने स्थित संपत्ति खसरा नंबर 930 की 0.0820 हेक्टेयर भूमि को अब जब शत्रु संपत्ति घोषित किया गया है तो राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने आपस में मिठाई बांटी. 

जमीन पर कई दुकानें व होटल
दरअसल, इसे  शत्रु संपत्ति घोषित करवाने के लिए राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के राष्ट्रीय संयोजक संजय अरोरा ने जिला प्रशासन के साथ ही उच्चाधिकारियों को शिकायत पत्र भेजे थे और प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे थे. उस जमीन पर मस्जिद के साथ ही कई दुकानें व होटल बनाए गए हैं. नवाब सज्जाद अली खां पुत्र रुस्तम अली खां के नाम पर अभिलेखों में यह संपत्ति दर्ज है. ध्यान दें कि रुस्तम अली खां के पुत्र लियाकत अली खां पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री थे. इसका परिवार पाकिस्तान चला गया था. 

जांच में लगी थी तीन सदस्यीय कमेटी
आपको बता दें कि पूरे मामले में जिलाधिकारी के निर्देशन में इसकी जांच में गठित तीन सदस्यीय कमेटी लगाई गई थी और शुरुआती रूप से इसे शत्रु संपत्ति माना गया था.  लखनऊ से शत्रु संपत्ति के पर्यवेक्षक प्रशांत सैनी ने सिटी मजिस्ट्रेट के साथ यहां आकर निरीक्षण किया था. इसके बाद फिर भूमि पर काबिज लोगों को अपना पक्ष रखने का समय दिया था. लखनऊ में इस मामले की सुनवाई होने के बाद आगे की कार्रवाई की गई, जिसमें मस्जिद कमेटी के जिम्मेदार लोगों ने अपना पक्ष गत तीन दिसंबर को रखा. पांच दिसंबर को इसे शत्रु संपत्ति घोषित किया. शत्रु संपत्ति के उप संरक्षक राजेंद्र कुमार ने इस बारे में जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को पत्र भी भेज दिया जिसमें संपत्ति पर कब्जा व नियंत्रण एवं प्रबंधन के लिए कहा गया है. 

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