UP ने खोले सबसे अधिक आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट, और अधिक प्राइवेट हॉस्पिटलों को जोड़ने की तैयारी
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UP ने खोले सबसे अधिक आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट, और अधिक प्राइवेट हॉस्पिटलों को जोड़ने की तैयारी

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) का अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाने में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का असर दिखने लगा है.

UP ने खोले सबसे अधिक आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट, और अधिक प्राइवेट हॉस्पिटलों को जोड़ने की तैयारी

लखनऊ : प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) का अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाने में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का असर दिखने लगा है. प्रदेश ना सिर्फ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट निर्मित करने में देश में नंबर एक स्थान पर है, बल्कि हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के रजिस्ट्रेशन, डिजिटल हेल्थ इंन्सेंटिव स्कीम और स्कैन एंड शेयर टोकन जनरेट करने में भी उत्तर प्रदेश पूरे देश में पहले पायदान पर पहुंच गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) खुद समय-समय पर प्रदेश पीएमजेएवाई को लेकर किये जा रहे कार्यों की ना सिर्फ समीक्षा करते हैं बल्कि अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी करते हैं.

2.73 करोड़ मेडिकल हिस्ट्री भी अपडेट 
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश 4,77,19,482 आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) जनरेट करके पूरे देश में पहले पायदान पर है. आंध्र प्रदेश दूसरे, मध्य प्रदेश तीसरे, महाराष्ट्र चौथे औेर गुजरात पांचवें, पश्चिम बंगाल छठे, कर्नाटक सातवें और ओडिशा आठवें स्थान पर है. वहीं इन 4.77 करोड़ अकाउंट के अंतर्गत 2.73 करोड़ से ज्यादा लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड को भी अपडेट किया जा चुका है. इस मामले में भी यूपी देश के टॉप थ्री राज्यों में है. मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और गुजरात इस मामले में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से काफी पीछे हैं. 

अधिक से अधिक प्राइवेट हेल्थ सेंटर को जोड़ने में जुटी योगी सरकार
इसी तरह हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्रेशन (एचपीआर) के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में पहले पायदान पर है. राज्य में कुल 42,741 हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स का रिजिस्ट्रेशन आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत किया जा चुका है. इसमें 10 हजार से अधिक डॉक्टर और 32 हजार से अधिक नर्सिंग स्टाफ शामिल हैं. वहीं हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्रेशन (एचएफआर) के मामले में यूपी देश में दूसरे पायदान पर है. राज्य में 38,863 हेल्थ फैसिलिटी सेंटरों को रजिस्टर किया जा चुका है. इनमें सरकार और प्राइवेट स्वास्थ्य सुविधा केंद्र शामिल हैं. महाराष्ट्र (Maharashtra), गुजरात (Gujrat), आंध्रप्रदेश और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) क्रमश: तीसरे, चौथे, पांचवें और छठे स्थान पर हैं. कर्नाटन प्रथम स्थान पर है. योगी सरकार का लक्ष्य है कि जितनी जल्दी हो सके प्रदेश के अधिक से अधिक प्राइवेट स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान भारत योजना के साथ जोड़ा जाए. 

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डिजिटल टोकन से ओपीडी के लिए अब 4-5 मिनट की वेटिंग 
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत स्कैन एंड टोकन जनरेट करने के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है. यूपी में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन सेवा के उपयोग से ऑनलाइन ओपीडी के लिए 33,79,592 टोकन रजिस्ट्रेशन किया गया, जो पूरे देश में सर्वाधिक है. इस रैंकिंग में कर्नाटक दूसरे, जम्मू एवं कश्मीर तीसरे, दिल्ली चौथे, आंध्र प्रदेश पांचवें और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) छठे स्थान पर है. डिजिटल ओपीडी टोकन रजिस्ट्रेशन का सबसे बड़ा लाभ ये हुआ है कि पहले जहां आयुष्मान कार्ड धारी मरीजों को ओपीडी में दिखाने के लिए तकरीबन एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ता था, जोकि अब घटकर 5 मिनट रह गया है. लगभग 34 लाख बार मरीजों ने अबतक स्कैन एंड टोकन जनरेट सुविधा का लाभ उठाया है. प्रदेश में ऐसे 545 अस्पताल हैं, जिनमें हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) का इस्तेमाल होता है.

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