पुलिस भर्ती का आय-जाति प्रमाण पत्र बनवाने में न करें ये भूल, युवाओं की मदद को आगे आई यूपी सरकार
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पुलिस भर्ती का आय-जाति प्रमाण पत्र बनवाने में न करें ये भूल, युवाओं की मदद को आगे आई यूपी सरकार

Lucknow News: यूपी पुलिस भर्ती की घोषणा के बाद EWS और अन्य जाति प्रमाण पत्र बनवाने की मांग बढ़ गई है. जानकारी सामने आई है कि आवेदकों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.. इस संबंध में सीएम योगी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कड़ी कार्रवाई की बात कही है. 

 

पुलिस भर्ती का आय-जाति प्रमाण पत्र बनवाने में न करें ये भूल, युवाओं की मदद को आगे आई यूपी सरकार

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में आय और जाति प्रमाण पत्र को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने अधिकारियों को चेतावनी दी है. पुलिस भर्ती (Police bharti) के लिए आवेदन करने वालों को आखिरी तारीख से पहले अनिवार्य रूप से ईडब्ल्यूएस, आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र दिए जाएंगे. सूबे के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि अगर सही समय पर ये दस्तावेज नहीं दिए जाते तो अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही कहा है कि लेखपालों की रोज की उपस्थिति अनिवार्य है. इसके लिए हर जनपद में नोडल अधिकारी भी तैनात किया जाएगा.  इस संबंध में अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने जिलाधिकारियों को शासनादेश जारी कर दिए हैं.

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लेखपालों की उपस्थिति रोजाना अनिवार्य
शासनादेश में कहा गया है कि यूपी पुलिस भर्ती की घोषणा के बाद ईडब्ल्यूएस और अन्य जाति प्रमाण पत्र बनवाने की मांग बढ़ गई है.  ऐसी जानकारी सामने आई है कि आवेदकों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. आवेदनों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है इसलिए दलालों के सक्रिय होने और अवैध वसूली की शिकायतें भी आई हैं.  इसलिए यूपी पुलिस भर्ती के मद्देनज़र सभी तरह के सर्टिफिकेट को बनाने के लिए लेखपालों की उपस्थिति रोजाना अनिवार्य की जाए. इसके अलावा लेखपालों के फोन नंबर भी तहसील कार्यालय में लगाए जाएं, जिससे उनसे संपर्क किया जा सके.  किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. 

हर हाल में बनवा कर दिए जाएं प्रमाण पत्र
पुलिस भर्ती के आवेदन की लास्ट डेट से पहले प्रमाण पत्र बनवा कर दिए जाएं. इस बात का भी ध्यान रखना है कि किसी भी आवेदक से किसी भी तरह की अवैध वसूली नहीं की जाए.  हर तहसील में एक नोडल अधिकारी भी नामित किया जाए, जो प्रमाण पत्रों को बनवाने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करते हुए अवैध वसूली से संबंधित शिकायतों का भी समय से हल करे. अगर अवैध वसूली संबंधी शिकायतें मिलती हैं तो जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जांच कर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाए.

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