तहसीलदार सदर शंभुशरण के मुताबिक सदर तहसील की टीमों ने तीन उपद्रवी से वसूली की कार्रवाई की. सदर में करीब 22 लाख रुपए की वसूली होनी है. CAA के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में 56 उपद्रवियों को वसूली का नोटिस जारी किया जा चुका है. लेकिन अब तक ज्यादातर आरोपियों ने इसे अदा नहीं किया है.
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लखनऊ: सीएए (CAA-NRC) को लेकर लखनऊ में 2019 हुई हिंसा के मामले में प्रशासन अब कार्रवाई के मूड में नजर आ रहा है. मंगलवार को शहर के अलग-अलग इलाकों में टीमों ने उपद्रवियों से वसूली के लिए छापेमारी की. इस दौरान खदरा में उपद्रव के आरोपी धर्मवीर का कॉम्लेक्स भी पुलिस ने सील कर दिया. वहीं इसी इलाके में एक अन्य आरोपी माहेनूर चौधरी की संपति को सीज कर दिया गया.
कुछ से वसूली तो कुछ की संपत्ति सीज
तहसीलदार सदर शंभुशरण के मुताबिक सदर तहसील की टीमों ने तीन उपद्रवी से वसूली की कार्रवाई की. सदर में करीब 22 लाख रुपए की वसूली होनी है. CAA के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में 56 उपद्रवियों को वसूली का नोटिस जारी किया जा चुका है. लेकिन अब तक ज्यादातर आरोपियों ने इसे अदा नहीं किया है. जिन उपद्रवियों ने अब तक हिंसा की भरपाई का जुर्माना नहीं जमा कराया है, प्रशासन ने उनकी सपंत्ति सीज कर नीलाम करने और गिरफ्तारी के निर्देश जारी कर दिए हैं.
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CAA के खिलाफ प्रदर्शनों में हुई थी हिंसा और नुकसान
19 दिसंबर 2019 को नागरिकता कानून (CAA-NRC) के विरोध में लखनऊ के परिवर्तन चौक समेत कई इलाकों जबरदस्त हिंसा देखने को मिली थी. पुलिस चौकियों समेत निजी और सरकारी संपत्ति को मिलाकर करीब साढे पांच करोड़ का नुकसान उपद्रवियों ने किया था. लखनऊ के पांच थाना क्षेत्रों में उपद्रवियों ने जमकर तोड़फोड़ और हिंसा की थी जबकि तमाम वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. योगी सरकार ने इस सरकारी संपत्ति की भरपाई को लेकर उपद्रवियों को नोटिस दिया था और इनके नाम से राजधानी के चौराहों पर पोस्टर भी लगाए गए थे. ये मामला काफी चर्चित हुआ था.
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