Phulpur Loksabha Seat: आजादी के बाद मोदी लहर में पहली बार खिला था कमल, जानें नेहरू की फूलपुर लोकसभा सीट का समीकरण
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Phulpur Loksabha Seat: आजादी के बाद मोदी लहर में पहली बार खिला था कमल, जानें नेहरू की फूलपुर लोकसभा सीट का समीकरण

Phulpur Lok Sabha Seat: फूलपुर लोकसभा सीट से पंडित जवाहर लाल नेहरू लगातार तीन बार सांसद चुने गए थे. यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. लंबे समय तक इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा. वर्तमान में इस सीट से बीजेपी की केशरी देवी पटेल सांसद हैं.

Phulpur Loksabha Seat

Phulpur Loksabha Seat Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जोरों-शोरों से तैयारियां जारी है. उत्तर प्रदेश में भी सभी राजनीतिक दल 80 सीटों को साधने की जुगत में हैं. देश की राजधानी में यूपी का महत्वपूर्ण स्थान है. कहा जाता है कि केंद्र में सत्ता की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है. यही कारण हैं कि सभी पार्टियां वोट बैंक को साधने के लिए पुरजोर मेहनत करती हैं. आज हम आपको देश की राजनीति में सबसे अहम स्थान रखने वाले प्रयागराज की फूलपुर लोकसभा सीट के बारे में बताएंगे. वर्तमान में इस सीट से केशरी देवी पटेल सांसद हैं.  

जवाहर लाल नेहरू की राजनीतिक कर्मभूमि 
फूलपुर सीट भारत की आजादी के बाद से ही वीवीआईपी सीटों में शामिल रही. यह कभी कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ हुआ करती थी. देश की राजनीति में इस सीट का खास स्थान है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह सीट देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की राजनीतिक कर्मभूमि रही है. इस सीट पर साल 1951 से लेकर अब तक 20 बार चुनाव हुआ है. तीन बार उपचुनाव हो चुके हैं. जिसमें सबसे ज्यादा सात बार कांग्रेस और पांच बार समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की. वहीं,  भारतीय जनता पार्टी दो बार और बहुजन समाजवादी पार्टी ने एक बार जीत दर्ज की. 

पंडित जवाहर लाल नेहरु पहले चुनाव यानी 1951-52 से लेकर 1962 तक फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे. पंडित नेहरु के निधन के बाद इस सीट पर पहली बार 1964 में उपचुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस की विजय लक्ष्मी पंडित ने जीत हासिल की और सांसद बनी. 1967 में विजय लक्ष्मी पंडित ने फिर चुनाव जीता. कार्यकाल के दौरान उनका निधन हो गया. जिसके बाद 1969 में उपचुनाव हुआ, जिसमें संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से जनेश्वर मिश्रा ने जीत दर्ज की. इसके बाद 1971 में विश्व नाथ प्रताप सिंह, 1977 में राम पूजन पटेल, 1980 में प्रो. बी.डी.सिंह जीते.  

इसके बाद राम पूजन पटेल ने लगातार तीन बार 1984, 1989 और 1991 में इस सीट पर जीत दर्ज की. वहीं 1996 में जंग बहादुर पटेल, 1999 में धर्मराज पटेल, 2004 में सपा से अतीक अहमद और 2009 में बसपा से कपिलमुनि करवरिया ने इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव की मोदी लहर में भाजपा का खाता खुला. केशव प्रसाद मौर्या यहां से सांसद चुने गए. हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद केशव प्रसाद मौर्या को डिप्टी सीएम बनाया गया. उनके इस्तीफे से फूलपुर सीट खाली हुई. इसके बाद उपचुनाव हुए, जिसमें सपा के नागेंद्र सिंह पटेल ने जीत हासिल की. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव यह सीट फिर बीजेपी के खाते में आ गई. यहां की जनता ने कमल का बटन दबाते हुए केशरी देवी पटेल को अपना सांसद चुना. 

मतदाता और जातीय समीकरण 
लोकसभा चुनाव 2019 में यहां कुल 1975219 वोटर थे, जिसमें पुरुष 1083213 और महिला 891797 हैं. यहां सबसे ज्यादा पटेल, यादव एवं मुसलमान वोटर हैं.  यहां पटेल यानी कुर्मी मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. यही वजह है कि यहां कई पटेल सांसद चुने गए हैं. 

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