Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्लान तैयार करने में जुटी हैं. यूपी की 46 सीटों पर उतारे नए कोऑर्डिनेटर. कांग्रेस ने 80 लोकसभा सीटों पर कोऑर्डिनेटर नियुक्त करने के बाद लगभग तीन सप्ताह के बाद 46 सीटों पर नए चेहरों को अब यह जिम्मेदारी सौंपी है.
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विशाल सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को 46 लोकसभा सीटों पर अपने कोऑर्डिनेटर बदलने पड़े. शनिवार को प्रदेश की 46 लोकसभा सीटों पर नए चेहरों को जिम्मेदारी दी गई है. इसके लिए पूर्व में घोषित सूची में संशोधन किया गया है. लोकसभा चुनाव की तैयारियों और चुनावी प्रबंधन के लिए पार्टी ने सभी 80 सीटों के लिए कोआर्डिनेटर घोषित किए थे. सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेताओं का कहना है कि पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कई पदाधिकारियों को जिलों के साथ ही लोकसभा सीट के कोऑर्डिनेटर का जिम्मा भी सौंप दिया गया था.
क्यों हुआ बदलाव?
इस बदलाव के पीछे कांग्रेस की कोआर्डिनेटर नियुक्त करने में की गई जल्दबाजी बड़ी वजह मानी जा रही है. पहले कांग्रेस कमेटी के कई पदाधिकारी को जिलों के साथ ही लोकसभा सीट के कोऑर्डिनेटर का भी जिम्मा सौंपा गया था. पार्टी को लगभग तीन हफ्ते बाद ही लखनऊ, अमेठी ,कानपुर, बरेली, शाहजहांपुर, सुल्तानपुर समेत 46 लोकसभा सीटों के कोऑर्डिनेटर बदलने पड़े.
46 लोकसभा सीटों के लिए कोआर्डिनेटर बदले
इनमें कई पदाधिकारियों को ऐसी लोकसभा सीट का जिम्मा सौंपा गया, जो उनके जिले से दूर थी. इसे लेकर व्यावहारिक दिक्कतों को देखते हुए अब लखनऊ, अमेठी, कानपुर, सुलतानपुर,बरेली, शाहजहांपुर समेत 46 लोकसभा सीटों के कोआर्डिनेटर बदल दिए गए हैं.
पार्टी नेताओं ने तर्क दिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में उपाध्यक्ष, महामंत्री और सचिव का पदभार संभाल रहे पदाधिकारियों के पास पहले से ही काफी जिम्मेदारियां थीं. इसलिए Lok Sabha Elections की तैयारियों और संगठन को ज्यादा मजबूती देने के लिए अन्य वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को लोकसभा सीट का कोआर्डिनेटर बनाकर उन पर भरोसा जताया है.
इनको मिली जिम्मेदारी
कांग्रेस ने 8 जनवरी को 80 लोकसभा सीटों के कोआर्डिनेटर की लिस्ट जारी की थी. केंद्रीय नेतृत्व ने शनिवार को 46 सीटों पर नए कोआर्डिनेटर के नामों का ऐलान किया. लखनऊ में सुभाष पाल के स्थान पर अब इख्लाक अहमद डेविड, कानपुर में राहुल रिछारिया के स्थान पर शैलेंद्र चतुर्वेदी,अमेठी में मनीष मिश्रा के स्थान पर देवानंद मिश्रा, co-coordinator बनाया गया है.
संगठनात्मक बैठक में उठा ये मुद्दा
प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय की मौजूदगी में पिछले दिनों संगठनात्मक बैठक में ये मुद्दा उठा था कि कई लोकसभा क्षेत्रों में ऐसे कोआर्डिनेटर बनाए गए हैं, जो पार्टी के पदाधिकारी भी है. ऐसे में दोहरी जिम्मेदारी होने से वो अपनी अलग भूमिकाओं के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे. माना जा रहा है कि इस सुझाव के आधार पर सूची को संशोधित करने का फैसला किया गया.