बीजेपी से टिकट न मिला तो बृजभूषण क्या बागी हो जाएंगे, सस्पेंस से समर्थक भी बेचैन
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बीजेपी से टिकट न मिला तो बृजभूषण क्या बागी हो जाएंगे, सस्पेंस से समर्थक भी बेचैन

UP Lok Sabha Election 2024: बीजेपी ने अभी तक 12 लोकसभा सीटों से प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. इसमें कैसरगंज लोकसभा सीट शामिल हैं, जहां से बृजभूषण शरण सिंह चुनाव टिकट की आस में हैं. 

Brij Bhushan Sharan Singh BJP MP WFI President

Brij Bhushan Sharan Singh: उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए अब तक 63 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है.लेकिन 12 सीटों पर अभी भी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है. इनमें कैसरगंज लोकसभा सीट और इलाहाबाद लोकसभा सीट भी शामिल है. कयास लग रहे हैं कि पीलीभीत लोकसभा सीट पर बीजेपी ने जिस तरह नामांकन के ठीक पहले प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर वरुण गांधी को सियासी शतंरज में मात दी, क्या कैसरगंज में भी वही न हो जाए. अगर ऐसा हुआ तो कैसरगंज, गोंडा समेत कई लोकसभा सीटों पर प्रभाव रखने वाले बृजभूषण का क्या रुख रहेगा, ये देखने वाली बात होगी.  

कांग्रेस के गढ़ रायबरेली और मुलायम सिंह यादव के किले मैनपुरी पर भी बीजेपी ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं. ऐसे में टिकट कटने की आशंका में मौजूदा सांसदों की धड़कनें बढ़ी हैं. इलाहाबाद लोकसभा सीट पर रीता बहुगुणा जोशी का टिकट कटना भी तय माना जा रहा है. उनके बेटे यूपी में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सपा में शामिल हो गए थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. भाजपा ने हालांकि उत्तर प्रदेश में पिछली बार जीते अपने 62 सांसदों में 51 को दोबारा मैदान में उतारा है. सिर्फ नौ सांसदों का ही टिकट काटा गया है. 

बृजभूषण शरण सिंह छह बार लोकसभा सांसद रहे हैं. इनमें से पांच बार वो बीजेपी के टिकट पर गोंडा, कैसरगंज और बलरामपुर सीट से चुनाव जीते हैं. हालांकि जुलाई 2008 में जब लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान क्रॉस वोटिंग के आरोप में बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. वो 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर कैसरगंज से जीते. लेकिन 2014 के चुनाव के ठीक पहले फिर बीजेपी के पाले में आ गए थे. कुश्ती महासंघ के चुनाव और पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों को लेकर बृजभूषण सवालों के घेरे में हैं. 

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीट में बीजेपी 75 सीट पर लड़ रही है. जबकि दो सीट रालोद को दे रखी हैं. जयंत चौधरी को बिजनौर, बागपत और अपना दल (एस) मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट मिली हैं. घोसी लोकसभा सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी लड़ रही है.

भाजपा ने अभी तक मछलीशहर, प्रयागराज, फूलपुर, बलिया, मैनपुरी, फिरोजाबाद, देवरिया, फिरोजाबाद, रायबरेली, कौशांबी, गाजीपुर और भदोही सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारे हैं. जबकि इन 12 लोकसभा सीटों में से पिछली बार नौ सीटों पर भाजपा ने ही कब्जा जमाया था. लेकिन अभी तक प्रत्याशी का ऐलान न करना यह दिखाता है कि बीजेपी कितना फूंक फूंक कर कदम रख रही है. 

बृजभूषण शरण सिंह को लेकर एक खेमा मानता है कि उनको टिकट देने से पश्चिमी यूपी और हरियाणा में जाटों के बीच बीजेपी को थोड़ी बहुत नाराजगी झेलनी पड़ सकती है. हालांकि बृजभूषण का पांच से छह सीटों पर जनाधार और राजनीतिक प्रभाव देखते हुए पार्टी जोखिम लेगी या नहीं, ये देखने वाली बात होगी. बृजभूषण शरण सिंह अभी टिकट मिलने या न मिलने के सवाल पर देखो और इंतजार करने के मूड में हैं. उनका दावा है कि 2-3 दिन में तस्वीर साफ हो जाएगी. 

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